सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि वादा से मुकरना भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का एसओपी में शामिल हो चुका है। भाजपा नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा गैर भाजपा शासित राज्यों में विकास कार्यां को रोकने या परेशान करने का काम किया जा रहा है। भाजपा के हिडेन एजेण्डा में गैर भाजपा शासित राज्यों को कमजोर कर किसी तरह से अपनी सत्ता को बनाये रखने और राज्यों की गैर भाजपा नेतृत्व वाली सरकार को अस्थिर कर सत्ता हथियाने की रही है।
केंद्र सरकार के पास झारखंड का एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया, जल्द दें
हेमंत सोरेन ने दुमका में शनिवार को संवाददाता सम्मेलन में कहा कि झारखंड का केंद्र सरकार के पास एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का बकाया हैं, इस राशि की मांग केंद्र सरकार से लगातार की जा रही है, राज्य सरकार यह चाहती है कि यहां भी हर नागरिक को बेहतर आधारभूत और स्वास्थ्य सुविधा मिलें, रोजगार मिले और मानदेय में बढ़ोत्तरी हो। लेकिन केंद्र सरकार कोई सहयोग देने के बजाय झारखंड सरकार के खाते से भी असंवैधानिक तरीके से राशि निकालने में जुटी है, आजादी के बाद देश में ऐसा दूसरा बार हुआ है। केंद्र सरकार में शामिल झारखंड के सांसद और भाजपा नेताओं को भी यह प्रयास करना चाहिए कि झारखंड का बकाया पैसा जो केंद्र सरकार के पास रूका है, वह जल्द से जल्द मिले। उन्होंने कहा कि भले ही भाजपा नेता अभी केंद्र सरकार की बोली बोल रहे है, लेकिन आने वाले समय में उन्हें चुनाव झारखंड से ही लड़ना होगा, तब जनता यह पूछेगी कि राज्य के हितों की अनदेखी क्यो की।
त्रिपक्षीय समझौते में कोयला कंपनियों को भी जोड़े जाने की जरूरत
डीवीसी के बकाया के नाम पर 1417 करोड़ रुपये आरबीआई द्वारा काट लिये जाने के संबंध में हेमंत सोरेन ने कहा कि सारा बकाया पूर्ववर्ती रघुवर दास सरकार के कार्यकाल की है। उस दौरान रघुवर सरकार की ओर से डीवीसी बकाया भुगतान के रूप में एक अठन्नी का भी भुगतान नहीं कया गया, करीब 5000 करोड़ रुपये का डीवीसी का बकाया हो गया, लेकिन तब डीवीसी ने एक बार भी न तो बिजली काटी और न ही राशि में कटौती की, परंतु जब झारखंड सरकार ने 70 से 75 हजार करोड़ रुपये बकाया राशि वसूली को लेकर केंद्र पर दबाव बनाया, तो इस तरह का सौतेलापूर्ण व्यवहार किया गया। उन्होंने कहा कि जिस एमओयू के नाम पर सीधे राज्य सरकार के खाते से यह राशि निकाल लिया गया, वह समझौता किसके कार्यकाल में हुआ, यह सभी को पता है। उस त्रिपक्षीय समझौते में चौथे पक्ष के रूप में कोयला कंपनियों को भी जोड़े जाने की जरूरत थी।
बाबूलाल मरांडी ने जिस तरह से रंग बदला, इतनी तेजी से किसी चीज को रंग बदलते नहीं देखा
हेमंत सोरेन ने कहा कि बाबूलाल मरांडी के राजनीतिक चरित्र में कुछ महीने में इतना बड़ा बदलाव आया है, इसका कारण किसी भी व्यक्ति के समझ से परे है। उन्होंने कहा कि जिस तेजी से बाबूलाल मरांडी में बदलाव आया , इतनी तेजी से किसी चीज को आज तक उन्होंने बदलते नहीं देखा। आज बाबूलाल मरांडी संताल परगना से क्षेत्र के सर्वमान्य नेता को खदेड़ना चाहते है और छत्तीसगढ़ी को लाना चाहते है। उन्होंने कहा कि चंद महीने तक भाजपा के विरोध में बात करने वाले बाबूलाल मरांडी को अब यह साफ करना चाहिए कि सीएनटी-एसपीटी कानून के बारे में उनकी राय क्या है। झारखंड मोमेंटम में लूट पर उनकी क्या राय है, छोटे-छोटे मुकदमों में जेल बंद आदिवासियों की रिहाई के मसले पर उनकी क्या राय है, नौकरी दिलाने के नाम पर नक्सली के रूप में सरेंडर कराने के फर्जी तरीके , कंबल घोटाले, मैनहर्ट घोटाले और जमीन घोटाले पर उनकी राय अब क्या है। जिस तरह से फादर स्टेन स्वामी की गिरफ्तारी हुई है, उन पर बाबूलाल मरांडी को क्या कहना है।
अगले कुछ दिनों में 8 से 10हजार युवतियों-महिलाओं व दर्जनों खिलाड़ियों को नौकरी
अपने नौ महीने से अधिक समय के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्षां से झारखंड की आदिवासी बच्चियों को बड़े शहरों में ले जाने और उनके शोषण की खबरें मिलती रहती है, मानव तस्करी की शिकार ऐसे बच्चियों को वापस लाया जा रहा है, अगले कुछ दिनों में आठ से दस हजर ऐसी बच्चियों को सूबे में ही रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि बच्चियों के मानव तस्करी में भजपा के लोग भी संलिप्त रहे है। उन्होंने यह भी कहा कि अगले कुछ दिनों में दर्जनों खिलाड़ियों को भी नियुक्ति पत्र दिया जाएगा, अब राज्य के खिलाड़ियों को न तो हड़िया बेचना पड़ेगा और न ही उन्हें ईट ढोना पड़ेगा।