सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में फिर से एनडीए सरकार बनने जा रही है और नीतीश कुमार फिर से बिहार के मुख्यमंत्री बनेंगे। एनडीए सरकार को पूर्ण बहुमत से भी बहुत ज्यादा सीटें मिलने जा रही हैं। तेजस्वी यादव बिहार के सीएम की रेस में पीछे छूट गये हैं वहीं चिराग पासवान तीसरे नंबर पर काफी पीछे चले गये हैं। ऐसा हम नहीं कह रहे हैं बल्कि एक चर्चित सर्वे में ये तमाम बातें सामने आयी हैं।
बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए को पूर्ण बहुमत के आसार हैं। एनडीए गठबंधन बहुमत के लिए जरूरी 122 सीटों से 11 से 21 अधिक सीटें पा सकती है, जबकि महागठबंधन 100 के भीतर ही सिमट सकता है। यह दावा मंगलवार को एक निजी टीवी चैनल की ओर से कराये गये ओपिनियन पोल में किया गया है। ओपिनियन पोल लोकनीति और सीएसडीएस ने किया है। गौरतलब है कि बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए गठबंधन के तहत JDU, BJP, VIP और HAM हैं, जबकि महागठबंधन में RJD, CONG और वामदल शामिल हैं।
बिहार के सीएम के रूप में नीतीश कुमार आज भी पहली पसंद हैं। पोल में 31 फीसदी लोगों ने नीतीश कुमार को ही सीएम के रूप में पसंद किया। दिलचस्प यह कि 55 फीसदी बीजेपी समर्थकों ने सहमति जताई कि सीएम नीतीश कुमार ही होने चाहिए, जबकि जेडीयू के 93 फीसदी समर्थकों ने नीतीश कुमार पर पूरा भरोसा जताया। सर्वे में आधे से अधिक यानी 52 फीसदी लोग नीतीश सरकार के कामकाज से संतुष्ट दिखे। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव को बतौर सीएम 27 फीसदी लोगों का साथ मिला। तीसरे स्थान पर एलजेपी प्रमुख चिराग पासवान 5 फीसदी के साथ तीसरे तो डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी को बतौर सीएम चार फीसदी लोगों ने पसंद किया।
ओपिनियन पोल के अनुसार एनडीए को 133 से 143 सीट तो महागठबंधन को 8 से 98 सीट, एलजेपी को मात्र 2 से 6 सीट तो अन्य के खाते में 6 से 10 सीटें जाने का अनुमान व्यक्त किया गया है। पोल के अनुसार 38 फीसदी लोगों ने एनडीए पर फिर से भरोसा जताया है तो 32 फीसदी लोग चाहते हैं कि महागठबंधन की सरकार बने। जबकि, छह फीसदी लोग एलजेपी की सरकार के पक्ष में दिखे।
सर्वे में यह जानने की कोशिश की गई कि बिहार में चुनावी मुद्दा क्या होना चाहिए। विकास, बेरोजगारी, महंगाई, गरीबी और शिक्षा के विकल्प में से 29 फीसदी लोगों ने माना कि विकास चुनावी मुद्दा होना चाहिए। 20 फीसदी लोग बेरोजगारी, 11 फीसदी महंगाई, 6 फीसदी गरीबी और 7 फीसदी लोगों ने शिक्षा को चुनावी मुद्दा माना।
ओपिनियन पोल में 37 विधानसभा सीटों के 148 बूथों को कवर किया गया, जिनमें से 3731 लोगों से बात की गई। यह सर्वे 10 से 17 अक्टूबर के बीच हुआ, जिसमें 60 फीसदी पुरुष और 40 फीसदी महिला मतदाताओं से बात की गई। पोल में हर आयुवर्ग के लोगों को शामिल किया गया। सैंपल में 16 फीसदी सवर्ण, 51 फीसदी ओबीसी, 18 फीसदी एससी और 14 फीसदी मुस्लिम मतदाताओं को भी चुना गया था।
इससे पहले, बिहार विधानसभा चुनाव के लिए टाइम्स नाउ और सी वोटर ने ओपिनियन पोल किया था। इस ओपिनियन पोल में भी एनडीए की सरकार बनने का अनुमान जताया गया था। सर्वे के मुताबिक, बिहार की कुल 243 विधानसभा सीटों में 160 सीट पर एनडीए को जीत मिल सकती हैं। जबकि आरजेडी के नेतृत्व वाले महागठबंधन को 76 सीटें मिल सकती हैं। अन्य को 7 सीटें, जिसमें पांच एलजेपी को मिल सकती हैं। अगर पार्टी वाइज सीटों की बात करें तो एनडीए के 160 सीटों में बीजेपी के खाते में 85, जेडीयू को 70 और हम और वीआईपी को 5 सीटें मिल सकती हैं। वहीं महागठबंधन में आरजेडी को 56 सीटें, कांग्रेस को 15 और लेफ्ट को 5 सीटें मिल सकती हैं।