सिटी पोस्ट लाइव : बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजे केंद्र सरकार पर भी असर डालेंगे। केंद्र सरकार में शामिल एलजेपी राज्य में एनडीए के खिलाफ चुनाव मैदान में है। ऐसे में चुनावों के बाद उसकी ओर से और एनडीए दोनों तरफ से नई स्थिति उभर सकती है। दूसरी तरफ एनडीए का हिस्सा होने के बावजूद सरकार से बाहर जेडीयू भी सरकार में हिस्सेदारी के बार में विचार कर सकता है।
बिहार के विधानसभा चुनावों ने एनडीए के लिए नई उलझन पैदा कर दी है। एलजेपी नेता रामविलास पासवान के अस्वस्थ होने से सारे फैसले उनके बेटे चिराग पासवान कर रहे हैं। हालांकि बीजेपी और एलजेपी के आपसी रिश्ते अच्छे हैं, लेकिन जेडीयू और एलजेपी के बिगड़े रिश्तों में वह फंसती जा रही है। रामविलास पासवान देश भर में दलितों के बड़े नेता है और उनसे दूरी बना पाना बीजेपी के लिए आसान नहीं है। खासकर हाथरस कांड के दौरान, जहां दलित
लड़की की मौत के बाद मामला गरमाया हुआ है।
बिहार की राजनीति में बीजेपी को अपनी बढ़त बनाने के लिए जेडीयू और एलजेपी का टकराव बीजेपी को मुफीद हो सकता था। लेकिन जेडीयू ने साफ कर दिया है कि पहले बीजेपी को एलजेपी को लेकर स्थिति साफ करनी होगी। यही वजह है कि बिहार में बीजेपी लगातार एलजेपी को चेतावनी दे रही है। ऐसे में इस बात का भी डर है कि बीजेपी और एलजेपी के आपसी रिश्ते भी बिगड़ न जाएं।
बीजेपी के एक प्रमुख नेता का कहना है कि बिहार के चुनाव नतीजे राज्य में नई सरकार का गठन करेंगे। लेकिन उसका असर केंद्र सरकार पर भी पड़ेगा। चुनावों के दौरान एलजेपी का रुख तय करेगा कि उसके दिल्ली में एनडीए रिश्ते कैसे रहेंगे। दूसरी तरफ केंद्र में सरकार से दूरी बनाए जेडीयू भी दिल्ली में सरकार में हिस्सेदारी पर अपना फैसले पर पुनर्विचार कर सकता है।