सिटी पोस्ट लाइव, हज़ारीबाग: बड़कागांव में एनटीपीसी के कोयले की ढुलाई को लेकर पिछले एक माह से चला आ रहा गतिरोध बुधवार को समाप्त हो गया। विभिन्न स्थानों पर मौजूद क्रस्ट डंप में जमा पांच लाख टन से अधिक कोयले को कड़ी सुरक्षा के बीच निकालने में जिला प्रशासन को सफलता मिली है। भारी सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए ग्रामीणों का आंदोलन कोयले की ढुलाई के मामले में कमजोर पड़ गया। ग्रामीणों ने प्रशासन की अपील पर कोयले की ढुलाई के लिए सड़क खाली कर दिया। हालांकि वे सभी धरना स्थल पर अभी भी जमे हुए थे। प्रशासन को ग्रामीणों ने मांग पत्र सौंपते हुए कहा कि धरना समाप्त नहीं हुआ है, केवल कोयले की ढुलाई के लिए राहत दिया गया है। ग्रामीणों की ओर से राहत मिलते ही एनटीपीसी के क्रस्ट डंप पर हाइवा में कोयला लोडिंग का काम प्रारंभ हो गया। साथ ही इसकी ढुलाई का काम भी भारी सुरक्षा व्यवस्था के बीच किया जाने लगा। ग्रामीण इसे रोक न सकें इसे ध्यान में रखते हुए जगह-जगह बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रखा गया है।
इसके पूर्व मंगलवार की रात से ही कोयले की ढुलाई प्रारंभ किए जाने को लेकर प्रशासनिक तैयारी शुरू कर दी गई थी। रात में ही आराहरा, चेपा खुर्द, चेपा कला, सिंदवारी सहित अन्य स्थानों पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया था। गांव वालों को धरनास्थल पर आने से रोक दिया गया था। साथ ही उनसे निबटने की रणनीति बनाई गई थी। क्षेत्र में रैपिड एक्शन पुलिस (रैप), इंडियन रिज़र्व बटालियन, जैप, महिला बटालियन को भी लगाया गया है। एटीएस के एसपी अंजनी अंजन के अलावा जिला के आधा दर्जन पुलिस उपाधीक्षक, एक दर्जन प्रशासनिक पदाधिकारी भी लगाए गए। उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद एवं एसपी कार्तिक एस भी घटना पर निगरानी रखते रहे। पूरा बड़कागांव क्षेत्र ही पुलिस छावनी में तब्दील है। कोयले की ढुलाई प्रारंभ हो जाने से जिला प्रशासन के साथ-साथ एनटीपीसी के अधिकारियों ने भी राहत की सांस ली है। गौरतलब है कि पिछले एक सितंबर से भूमि अधिग्रहण कानून 2013 को लागू करने की मांग को लेकर एक दर्जन स्थानों पर ग्रामीण रैयत धरना दे रहे थे। सड़क पर बैठे रहने के कारण कोयले की ढुलाई ठप हो गई थी और पांच लाख टन से अधिक कोयला विभिन्न स्थानों पर डंप हो गया था। इसी डंप कोयले में पिछले दिन आग लग गया था, जिसे बुझा लिया गया था।