किसान आंदोलन : फल, सब्जियों के दाम दोगुने से अधिक, दूध का भी संकट

City Post Live

सप्लाई बाधित होने से सब्जियों के दोगुने से अधिक गुना और दूध की कीमतों में दो से तीन गुना तक इजाफा

हरियाणा सहित कई राज्यों मे जमाखोरी भी होने लगी है

6 जून से उत्तर प्रदेश में भी किसान आंदोलन शुरू करने का  ऐलान

सिटी पोस्ट लाईव: सरकारी नीतियों के खिलाफ शुरू हुआ किसान आन्दोलन का असर अब बाजार पर दिखने लगा है. सब्जियों व दूध के दाम बढ़ने लगे हैं. हिंसक घटनाओं को देखते हुए निजी डेयरियों ने दूध लेना और बांटना बंद कर दिया है. आंदोलन के तीसरे दिन भी हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में किसानों ने दूध सड़कों पर बहाया और सब्जियां फेंकी. कई राज्यो में सब्जियों और दूध की किल्लत हो गई है. कई जगह दूध व सब्जियों को बाजारों तक नहीं पहुंचने दिया गया.

सप्लाई बाधित होने से सब्जियों के दोगुने से अधिक गुना और दूध की कीमतों में दो से तीन गुना तक इजाफा हो गया है. जो किसान आंदोलन से बचकर फल व सब्जियों की सप्लाई कर रहे हैं, उन्हें जबरन इसे फेंकने को कहा जा रहा है. पंजाब के मानसा में तो आंदोलनरत किसानों ने फलों से भरा ट्रक जबरदस्ती खाली करवा दिया. माछीवाड़ा में किसानों ने दूध की गाड़ी को रोककर दूध बांट दिया.

हरियाणा सहित कई राज्यों मे जमाखोरी भी होने लगी है. सप्लाई न होने और मंहगाई बढ़ने से आम लोगों को दूध और सब्जी के लिए जूझना पड़ा रहा है. हालांकि प्रशासन की जमाखोरों पर नजर है. हरियाणा, पंजाब व राजस्थान में आंदोलन से दिल्ली में भी दूध और सब्जियों के दाम बढ़ने का संकट मंडरा रहा है.

 

किसानों के गांव बंद आंदोलन के तीसरे दिन मध्य प्रदेश में शांति रही. मालवा-निमाड़ के उन इलाकों में रविवार को भी किसानों ने प्रदर्शन किए, जहां भारतीय किसान यूनियन सक्रिय है. रविवार होने से अनाज मंडियां बंद रही तो सब्जी मंडियों में कहीं-कहीं असर दिखा. मंदसौर में आंदोलन का समर्थन करने वाले किसान को यूनियन ने दूध से नहलाया तो बड़वानी में मवेशियों को सब्जियां खिलाकर विरोध जताया.

राजस्थान सब्जियों के दामों में भी करीब 20 फीसद तक बढ़ोतरी हो गई है. शहरों में सब्जियों व दूध की आपूर्ति प्रभावित हो रही है. जयपुर में अधिकतर मंडियों में सब्जियों की आवक कम हो गई है. दूध की आवक कम होने तथा सड़कों पर बिखेरने के चलते निजी डेयरियों ने भी कलेक्शन लगभग बंद कर दिया है.

मध्यप्रदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश के किसान भी हड़ताल करेंगे.

रविवार को किसान नेता श्याम सिंह चाहर के नेतृत्व में गांव गुतिला में किसान पंचायत हुई. उसमें 6 जून से उत्तर प्रदेश में भी किसान आंदोलन शुरू करने का  ऐलान किया गया. किसान नेताओं का कहना था कि छह जून से आगरा जिले के किसान शहर में सब्जी नहीं भेजेंगे और न ही दूध बांटेंगे. आंदोलन के दौरान हर गांव के मुख्य रास्ते पर किसान तैनात रहेंगे ताकि  कोई भी किसान सब्जी और दूध लेकर शहर न जा सके. श्याम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार को चार साल सत्ता संभाले बीत गए लेकिन किसानों के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया. इन चार सालो में किसानों को सिर्फ कर्ज माफी के नाम पर 100 और 200 रुपये मिले हैं और आलू के गिरते दामों ने किसानों को आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया.

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