City Post Live
NEWS 24x7

झारखंड में एक बार फिर लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन का मुद्दा हुआ गरम

केली बंगला में लालू हिरासत में नहीं है और उनपर जेल मैन्युअल लागू नहीं होगा : भाजपा

- Sponsored -

- Sponsored -

-sponsored-

सिटी पोस्ट लाइव : लालू यादव रिम्स के केली बगलों में बने स्पेशल वार्ड में इलाजरत है उसे जेल में नहीं तब्दील किया गया है. जेल आईजी वीरेंद्र भूषण के इस बयान के बाद झारखंड में एक बार फिर लालू यादव के जेल मैनुअल उल्लंघन का मुद्दा गरम हो गया है।भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने प्रदेश मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा की लालू प्रसाद से राजनीतिज्ञों की मुलाकात का सिलसिला लगातार जारी है और इस दौरान जेल मैनुअल और कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। प्रतुल ने कहा की जेल आईजी ने कहा की केली बंगला को जेल नहीं माना जा सकता है। प्रतुल ने कहा यह बयान पूरे तरीके से निराधार है क्योंकि उच्च न्यायालय ने अपने 24 अगस्त 2018 के आदेश में लालू प्रसाद को रिम्स में इलाज करने की सुविधा देते हुए यह टिप्पणी की थी, यह इलाज रांची में हिरासत में हो।

प्रतुल शहदेव ने जेल एक्ट सेक्शन का उदाहरण देते हुए कहा है कि (1894) का सेक्शन 3(1) कहता है की जेल वह कोई ऐसी जगह भी हो सकता है सजायाफ्ता कैदी को अल्पकाल के लिए भी रखा जाए। इसलिए सरकार या अधिकारी कुछ भी कहे लेकिन तकनीकी रूप से लालू प्रसाद फिलहाल रिम्स में हिरासत में है और उनके ऊपर जेल मैनुअल के सारे नियम लागू होंगे। रूल 625 स्पष्ट कहता है की एक सजायाफ्ता कैदी के साथ हर मुलाकात के दौरान कम से कम असिस्टेंट जेलर के रैंक की अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है। प्रतुल ने कहा की लालू प्रसाद से बेधड़क लोग मिल रहे हैं और राजनीतिक बातें भी हो रही हैं और कोई जेल का अधिकारी भी मौजूद नहीं रहता। साथ ही प्रतुल शाहदेव ने इन विषयों पर राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।

वही प्रदेश राजद ने भाजपा पर पलटवार करते हुए प्रवक्ता अनिता यादव ने कहा है कि भाजपा वालों लालू जी का नाम लेने से अब आप की नैया पार नहीं होने वाली। भाजपा को लालू जी का भय सता रहा है। जैसे इंसान बुरी आत्मा से डरता है, वैसे ही बुरी आत्मा भगवान से डरती है । वैसे ही भाजपा वाले जो बुरी आत्मा है वह हमारे लालू भगवान से डर रहे हैं। जेल आइजी वीरेंद्र भूषण का कहना है कि रिम्स का निदेशक बंगला रिम्स की तरफ से स्पेशल वार्ड में तब्दील किया गया है। इसे जेल वार्ड नहीं बनाया गया है। यह पूरी तरह अस्पताल पर निर्भर करता है कि जरूरत के हिसाब से किस वार्ड में इलाज करें। जब किसी को जेल से इलाज करने के लिए बाहर ले जाया जाता है, तो उसकी कस्टडी अस्पताल और लोकल पुलिस के पास होती है

बीजेपी का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक रिम्स निदेशक बंगले को जेल वार्ड माना जाना चाहिए। वहीं पर बीजेपी लगातार आरोप लगा रही है कि रिम्स के निदेशक बंगला जेल में तब्दील किया गया है।और वहां पर जेल मैन्युअल का लगातार उल्लंघन हो रहा है रिम्स का निदेशक बंगला राजद का प्रधान चुनावी कार्यालय बन चुका है। क्योंकि बिहार से टिकट मांगने के लिए लगातार उम्मीदवार रिम्स पहुंच रहे हैं।

-sponsored-

- Sponsored -

Subscribe to our newsletter
Sign up here to get the latest news, updates and special offers delivered directly to your inbox.
You can unsubscribe at any time

- Sponsored -

Comments are closed.