सिटी पोस्ट लाइव : पटना की सड़कों पर लगे पोस्टर की भाषा रातों-रात बदल गयी है। कल तक जिन पोस्टरों पर पीएम मोदी के हवाले से सीएम नीतीश का गुणगान किया जा रहा था आज उन्हीं पोस्टरों पर एक बार फिर से नीतीश कुमार के डीएनए पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
आज सुबह-सुबह पटना की सड़कों पर नजारा बिल्कुल बदला-बदला दिखा। पीएम मोदी और सीएम नीतीश की हाथ जोड़े पोस्टर जिसमें कल तक पीएम मोदी के बयानों से हवाले से लिखा था कि ‘नीतीश जी जैसे सहयोगी हो तो कुछ भी संभव है।’ एक और दूसरे पोस्टर में लिखा गया कि आधुनिक बिहार को गढ़ने में नीतीश जी की अहम भूमिका है।’ कैप्शन में लिखा गया था कि ‘न्याय के साथ तरक्की, नीतीश की जीत पक्की’ हूबहू वैसे ही पोस्टरों पर आज लिखा था कि नीतीश कुमार के डीएनए में ही गड़बड़ है।’
दरअसल पटना की सड़कों पर बिल्कुल उसी अंदाज में पोस्टरों को चस्पां कर दिया गया जहां कल तक तारीफ थी आज वहां डीएनए पर ही सवाल उठ रहे हैं। हालांकि इन तमाम पोस्टरों मे निवेदक के तौर पर किसी पार्टी या फिर नेता का नाम नहीं हैं। इसके साथ ही बिहार की राजनीति में एक नई चीजें देखने को मिल रही है वो है बेनामी पोस्टर। एक तरह से बिहार विधानसभा चुनाव में प्रदेश में बेनामी पोस्टर वार छिड़ चुका है।
अभी हाल में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की फैमिली के खिलाफ पटना की सड़कों पर बेनामी पोस्टर दिखाई दिया था। राजधानी पटना के इनकम टैक्स चौराहे पर लगे पोस्टर में आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव, उनके बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी यादव, राबड़ी देवी और मीसा भारती की तस्वीरें थीं। पोस्टर के द्वारा लालू परिवार पर तंज कसते हुए लिखा गया है कि ‘एक ऐसा परिवार जो बिहार पर भार’।