सिटी पोस्ट लाइव : RJD लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल ने दावा किया है कि उनकी पार्टी इस बार के चुनाव में अगड़ों को यानी सवर्णों को खास तवज्जो देगी. पार्टी के राज्यसभा सांसद अमरेंद्र धारी सिंह द्वारा दिए गए दावे के बाद सवाल यह उठ रहा है कि क्या बिहार में लालू प्रसाद अपने ऊपर लगे मिथक जिसमें उन्हें भूरा बाल साफ करो का नारा देने वाला कहा जाता है, को तोड़ पाएंगे. आरजेडी के उन पांच सवर्ण चेहरों के बारे में जिनके ऊपर पार्टी की निगाहें टिकी हैं.
पार्टी में सवर्णों का बड़ा चेहरा शिवानंद तिवारी हैं. किसी जमाने में लालू के सबसे खास कहे जाने वाले शिवानंद तिवारी भी ब्राह्मण बिरादरी से आते हैं और फिलहाल उनके पुत्र मंटू तिवारी शाहपुर से राजद के विधायक हैं. पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी को आरजेडी का पॉलिसी मेकर माना जाता है जो कि पार्टी के लिए नीतियां बनाते हैं. ऐसे में ब्राह्मण वोटरों को साधने की जिम्मेवारी इस बार उन्हीं पर है. किसी जमाने में लालू के सबसे खास कहे जाने वाले शिवानंद तिवारी भी ब्राह्मण बिरादरी से आते हैं और फिलहाल उनके पुत्र मंटू तिवारी शाहपुर से राजद के विधायक हैं. पूर्व सांसद शिवानंद तिवारी को आरजेडी का पॉलिसी मेकर माना जाता है जो कि पार्टी के लिए नीतियां बनाते हैं. ऐसे में ब्राह्मण वोटरों को साधने की जिम्मेवारी इस बार उन्हीं पर है.
पार्टी में सवर्ण का दूसरा बड़ा चेहरा फिलहाल जगदानंद सिंह हैं. बक्सर के पूर्व सांसद जगदानंद सिंह को राजद ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही फॉरवर्ड कार्ड के रूप में यूज करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है, जिसके बाद से यह दावा किया जा रहा है कि वो सवर्णों को एकसाथ करने में लगे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद जगदानंद सिंह पर इस बार 4 जिलों यानी भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर के सवर्णों को साथ करने का टास्क है. पार्टी में सवर्ण का दूसरा बड़ा चेहरा फिलहाल जगदानंद सिंह हैं. बक्सर के पूर्व सांसद जगदानंद सिंह को राजद ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही फॉरवर्ड कार्ड के रूप में यूज करते हुए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपी है, जिसके बाद से यह दावा किया जा रहा है कि वो सवर्णों को एकसाथ करने में लगे हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद जगदानंद सिंह पर इस बार 4 जिलों यानी भोजपुर, बक्सर, रोहतास और कैमूर के सवर्णों को साथ करने का टास्क है.
राजद में सवर्णों का तीसरा चेहरा मनोज झा का है जो कि फिलहाल राज्यसभा के सांसद हैं. वो जेडीयू सांसद हरिवंश के सामने विपक्ष के उप सभापति उम्मीदवार हैं. मनोज झा आरजेडी से राज्यसभा सांसद हैं और देश की राजधानी दिल्ली में आरजेडी की नीतियों को राष्ट्रीय स्तर पर रखते आये हैं. विपक्ष में इनकी अच्छी साख है .मनोज झा जो कि एक प्रोफ़ेसर भी हैं पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में तवज्जो देते हुए राज्यसभा भेजा है. मनोज झा के ऊपर मिथिलांचल के ब्राह्मणों को एकजुट करने का दारोमदार है. राजद में सवर्णों का चौथा चेहरा मनोज झा का है जो कि फिलहाल राज्यसभा के सांसद हैं. वो जेडीयू सांसद हरिवंश के सामने विपक्ष के उप सभापति उम्मीदवार हैं. मनोज झा आरजेडी से राज्यसभा सांसद हैं और देश की राजधानी दिल्ली में आरजेडी की नीतियों को राष्ट्रीय स्तर पर रखते आये हैं. विपक्ष में इनकी अच्छी साख है .मनोज झा जो कि एक प्रोफ़ेसर भी हैं पार्टी ने ब्राह्मण चेहरे के रूप में तवज्जो देते हुए राज्यसभा भेजा है. मनोज झा के ऊपर मिथिलांचल के ब्राह्मणों को एकजुट करने का दारोमदार है.
पार्टी का चौथा चेहरा है करोड़पति बिजनेसमैन से राज्यसभा सांसद बने अमरेंद्रधारी सिंह. एडी सिंह पटना जिला से हैं और भूमिहार समाज से आते हैं. उनको पार्टी ने इस बार फॉरवर्ड खेलते हुए राज्यसभा भेजा है ताकि भूमिहार वोटरों को अपने पाले में किया जा सके. अमरेंद्रधारी सिंह ने दावा किया है कि बिहार के होने वाले चुनाव में इस बार 30% सवर्णों को टिकट देगा.
हालांकि इसमें सबसे बड़े सवर्णों के नेता रघुवंश प्रसाद सिंह का जिक्र इसलिए हमने नहीं किया, क्योंकि आज ही उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया है. रघुवंश प्रसाद सिंह ने सादे कागज में लालू प्रसाद यादव को चिठ्ठी लिख कर पार्टी छोड़ने की जानकारी दी साथ ही माफ़ी भी मांगी है. रघुवंश प्रसाद ने लालू प्रसाद यादव को चिठ्ठी में लिखा कि जननायक कर्पूरी ठाकुर के निधन के बाद से 32 वर्षों तक आपके पीछे खड़ा रहा. लेकिन अब नहीं. पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं ने मुझे बहुत स्नेह दिया मुझे क्षमा करें.