सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election) के मद्देनजर सोमवार का दिन आज बेहद ख़ास है.नीतीश कुमार की वर्चुअल रैली के ठीक बाद दिल्ली में चिराग पासवान की पार्टी की संसदीय दल की बैठक शुरू हो गई है.इस बैठक में क्या फैसला होनेवाला है,इसका संकेत पहले ही संसदीय बोर्ड के सदस्य पार्टी के प्रवक्ता संजय सिंह ने दे दिया है.संजय सिंह ने कहा कि उनके नेता जब विकास को लेकर सवाल उठा रहे हैं तो जेडीयू के नेता उन्हें गालियाँ दे रहे हैं.उन्हें कालिदास बता रहे हैं.उन्होंने कहा कि वो बैठक में जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतरने की मांग करनेवाले हैं.
ये केवल संजय सिंह का स्टैंड नहीं है. संसदीय बोर्ड के हर सदस्य की यहीं मांग है. दरअसल, एलजेपी में सभी फैसले तो चिराग पासवान को ही करने हैं. ये बड़ा फैसला लेने से पहले चिराग पासवान अपने पिता रामविलास पासवान से भी मुलाक़ात कर चुके हैं.इस मुलाक़ात के बाद सनाज्य सिंह का ये बयान एनडीए की चिंता बढ़ानेवाला है.सिटी पोस्ट लाइव शुरू से ही ये बता रहा है कि चीराग पासवान 2005 के फार्मूला को आजमाना चाहते हैं.उनके पिता ने यहीं फार्मूला अपना कर लालू यादव को सत्ता से पंद्रह साल बाद बेदखल कर दिया था.अब नीतीश कुमार को भी उसी फार्मूला पर चिराग पासवान नीतीश कुमार को ठिकाने लगाना चाहते हैं.
दरअसल ये फार्मूला ये था कि कांग्रेस पार्टी के साथ आरजेडी और एलजेपी दोनों का गठजोड़ था. लेकिन एलजेपी ने आरजेडी के सभी उम्मीदवारों के खिलाफ उम्मीदवार उतार दिया था.नतीजा ये हुआ कि लालू यादव को तीस से ज्यादा सीटों का नुकशान हो गया और नीतीश कुमार के सत्ता में वापसी हो गई.लेकिन सबसे बड़ा सवाल क्या एनडीए में रहते हुए बीजेपी एलजेपी को जेडीयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने की इजाजत देगी.अगर दे दिया तो बिहार का सियासी समीकरण बदल जाएगा.महागठबंधन और एनडीए का स्वरूप बदल जाएगा.सूत्रों के अनुसार अगर चिराग पासवान ने ऐसा किया तो नीतीश कुमार वीआइपी पार्टी को गठबंधन में लेकर सियासत बदल सकते हैं.