87 वर्ष की आयु में दुनिया को कहा अलविदा, 87 वर्ष की आयु में दुनिया को कहा अलविदा, डॉक्टर लक्ष्मी नाथ झा की मृत्यु से समाज की हुई बड़ी क्षति.
सिटी पोस्ट लाइव : शुक्रवार को सहरसा के गंगजला चौक स्थित अपने निजी आवास में डॉक्टर लक्ष्मी नाथ झा की हृदय गति रुकने से मौत हो गयी। 87 वर्ष के डॉक्टर झा पोस्टल डिपार्टमेंट से सेवानिवृत्त होकर होमियोपैथिक चिकित्सा भी करते थे। सबसे अहम बात यह थी कि वे सदैव सामाजिक सरोकार की मुख्यधारा में रहे और बीते दो दशक से स्वर्गीय ताराकांत झा जो विधान परिषद के सभापति थे उनके साथ मिलकर अलग मिथिलांचल राज्य के लिए आंदोलन और संघर्ष भी कर रहे थे। कोसी और सीमांचल में अलग मिथिलांचल राज्य के लिए कई बड़े कार्यक्रम उनके संचालन में हुए।हिंदी और अंग्रेजी भाषा के अपार ज्ञानी डॉक्टर झा ने सामाजिक मुद्दों पर अनगिनत आलेख भी लिखे हैं।यही नहीं उन्होनें चार पुस्तकें भी लिखी है।अचानक उनकी मौत की खबर से सहरसा सहित पूरे मिथिला इलाके में मातम का माहौल है। डॉक्टर झा की मौत के बाद अलग मिथिलांचल राज्य की मांग को गहरा आघात लगा है। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉक्टर जगन्नाथ मिश्रा इनके अत्यंत करीबियों में से एक थे। डॉक्टर झा अपने पीछे चार बेटे और बेबा पत्नी को छोड़ गए हैं। शनिवार को उनके पैतृक गाँव पंचगछिया में दाह-संस्कार किया गया। जिसमें राज्य सहित देश के कई नामचीन हस्तियों ने शामिल होकर उन्हें अंतिम विदाई दी। बता दें कि डॉक्टर लक्ष्मी नाथ झा की म्रत्यु न सिर्फ एक मौत है बल्कि सहरसा के सामाजिक धरा के एक युग पुरुष का अंत है, जो सदैव समाज और उनके उत्थान की बातें सोंचते थे।
सहरसा से संकेत सिंह की रिपोर्ट