RJD-CONG दोनों का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा है रोजगार, जानिये क्यों?

City Post Live

सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के विधान सभा चुनाव में महागठबंधन का सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा  बेरोजगारी है.आज ही तेजस्वी यादव ने RJD दफ्तर में प्रेस कांफ्रेंस कर बेरोजगारी को अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने का ऐलान किया.सबसे खास बात आज ही कांग्रेस ने बिहार में बेरोजगारी को एक बड़ा चुनावी मुद्दा बनाने का ऐलान कर दिया. कांग्रेस की तरफ से आज डिजिटल रैली के जरिए बेरोजगारों को जोड़ने के अभियान की शुरुआत की गई. यूथ कांग्रेस के साथ जुड़कर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता लगातार चुनावी रणनीति पर काम कर रहे हैं.

कांग्रेस अब बेरोजगार फोन के जरिए और मिस्ड कॉल सेवा के जरिए बेरोजगारों को अपने साथ जोड़ने का अभियान चला रही है. पार्टी के बिहार प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल, प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मदन मोहन झा, यूथ कांग्रेस के प्रभारी कृष्णा अलावरू और यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास की मौजूदगी में इस अभियान की शुरुआत की गई. बिहार यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष गुंजन पटेल भी इस मौके पर मौजूद रहे.

गौरतलब है कि आज ही तेजस्वी यादव ने भी इसी तरह का अभियान शुरू किया है.RJD और कांग्रेस दोनों दल  इस अभियान के तहत सभी शिक्षित एवं अशिक्षित बेरोजगार युवाओं को जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. कांग्रेस नेताओं का कहना है कि ‘रोजगार दो’ डिजिटल रैली कोई चुनावी रैली नहीं, बल्कि बिहारी युवाओं का नीतीश और मोदी सरकार के खिलाफ ऐलान-ए-जंग है.वहीँ तेजस्वी यादव ने अपनी सरकार बनने पर चार लाख युवाओं को नौकरी देने का बड़ा वादा कर दिया है.

गौरतलब है कि बिहार में लगभग साधे तीन लाख पद विभिन्न विभागों में रिक्त हैं.शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग में लाखों पद  खाली हैं.शिक्षकों की कमी से पढ़ाई बाधित है,डॉक्टर की कमी की वजह से स्वास्थ्य व्यवस्था का खस्ता हाल है और पुलिस पदाधिकारियों और सिपाहियों की कमी की वजह से कानून व्यवस्था को बनाए रखना एक बेहद बड़ी चुनौती है.यहीं वजह है कि RJD और कांग्रेस दोनों ने मिलकर बेरोजगारी को अपना सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा बनाया है.

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