सिटी पोस्ट लाइव, लखनऊ: उत्तर प्रदेश के राज्य पक्षी सारस के संरक्षण के लिए वन विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय के सहयोग से सारस पक्षी पर एटलस तैयार करा रहा है। इंस्टिट्यूट ऑफ वाइल्ड लाइफ साइंस लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा सारस के रहने के स्थान, प्रजनन स्थलों एवं भोजन स्थलों को चिह्नित कर आंकड़े एकत्र व संकलित किए जाएंगे तथा इन्हें मानचित्र में दर्शाते हुए सारस एटलस तैयार किया जाएगा। सारस से संबंधित इन आंकड़ों का वैज्ञानिक अध्ययन हेतु वन विभाग के कर्मचारियों व अधिकारियों को सारस गणना का प्रशिक्षण दिया गया है तथा सारस एटलस तैयार करने का प्रथम चरण बुधवार से प्रारंभ हो गया है।
सारस संरक्षण हेतु प्रदेश में वर्ष 2006 में सारस संरक्षण समिति का गठन किया गया तथा प्रतिवर्ष जून व दिसम्बर में इस समिति द्वारा सारस गणना करवाई जाती है। मुख्य वन संरक्षक, प्रचार-प्रसार मुकेश कुमार ने बताया कि हमारे प्रदेश में राज्य पक्षी सारस मुख्य रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इटावा मैनपुरी वह शाहजहांपुर जनपदों में पाया जाता है तथा प्रथम चरण में आज प्रातः 6ः00 बजे से 8ः00 बजे तक एवं सायं काल डेढ़ घंटे इन क्षेत्रों में सारस गणना कार्य किया गया। गणना कार्य में सारस के निवास स्थान का अक्षांश और देशांतर सारस के बच्चे वह अंडों का अभिलेखीकरण एवं छायाचित्र लिया गया। सारस गणना का द्वितीय व तृतीय चरण माह दिसंबर व अगले वर्ष जून में किया जाएगा। सारस गणना व सारस एटलस तैयार करने में जंतु विज्ञान विभाग लखनऊ विश्वविद्यालय की प्रोफेसर अमिता कनौजिया द्वारा सक्रिय सहयोग दिया जा रहा है। प्रोफेसर अमिता कनौजिया इंस्टिट्यूट ऑफ वाइल्ड लाइफ साइंसेज लखनऊ विश्वविद्यालय की समन्वयक भी हैं।
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