सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कहा है कि भारत रत्न प्रणव दा के निधन से राजनीति के एक युग का अंत हुआ है। प्रणव दा एक ऐसे नेता रहे जो कांग्रेस पार्टी से सम्बद्ध रहने के बावजूद सभी राजनीतिक दलों के नेताओं के प्रति सदभावना, आदर और प्रेम का भाव बानाये रखते थे। हेमंत सोरेन ने सोमवार देर शाम एक वीडियो संदेश जारी कर शोक जताया और अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए बताया कि उन्हें आज वो पल याद आ रहें है जब प्रणव दा राष्ट्रपति का चुनाव लड़ रहे थे। प्रणव दा यूपीए समर्थित उम्मीदवार थे। उस समय झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम)भाजपा के साथ झारखंड सरकार में शामिल था, वे उप मुख्यमंत्री था। स्वाभाविक तौर पर प्रणव दा झामुमो से समर्थन की उम्मीद नही कर रहे थे। क्योंकि स्वर्गीय संगमा एनडीए समर्थित राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे।
उन्हें याद है जिस समय स्वर्गीय संगमा साहब और प्रणव दा हर राज्य जा कर समर्थन मांग रहे थे। उसी समय एक दिन अचानक दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने उन्हें बुलाया और पूछा कि प्रणव दा हर जगह जा रहे है पार्टी से संपर्क क्यों नही कर रहे। मैंने उन्हें कहा कि अभी झामुमो भाजपा के साथ सरकार में शामिल है और भाजपा ने संगमा साहब को समर्थन दिया है इसलिए प्रणव दा ये समझ रहे है कि जेएमएम ,भाजपा समर्थित उम्मीदवार को अपना वोट देगा। मुझे याद है तब दिशोम गुरु शिबू सोरेन ने बिल्कुल डांटते हुए कहा कि प्रणव दा एक व्यक्ति नही बल्कि खुद में एक संस्था है। प्रणव दा ने अपने राजनीतिक अनुभव और ज्ञान सभी दलों के नेताओं से साझा किया और मार्ग दर्शन दिया है इसलिए प्रणव दा को ये खबर भिजवाओ कि जेएमएम उन्हें समर्थन करेगा। दिशोम गुरु के आदेश होते ही मैंने राजनीती सलाहकार रहे हिमांशु जी के माध्यम से प्रणव दा तक ये बात पहुँचाई कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन का आदेश है कि झामुमो प्रणव दा को वोट करे। कांग्रेस सांसद राजीव शुक्ला के माध्यम से हिमांशु शेखर चौधरी की प्रणव दा से बात हुई।
प्रणव दा इस जानकारी को स्वीकार नही कर पा रहे थे। प्रणव दा ने जानकारी की सत्यता को जाँचने उन्हें फ़ोन किया। जब मैंने उन्हें ये कहा कि ये पार्टी सुप्रीमो यानी शिबू सोरेन का आदेश है तो ये सुन चंद पल खामोश रहने के बाद उन्होंने कहा कि वे जल्दी ही शिबू सोरेन से मिलने रांची आएंगे। राष्ट्रपति चुनाव प्रचार की समय अवधि खत्म होने से पहले वे रांची पहुंचे और दिशोम गुरु शिबू सोरेन से उनके रांची स्थित आवस में मिले। उस दौरान शिबू सोरेन ने प्रणव दा को कहा कि उन्हें आने की कोई जरूरत नही थी, वे उनका बहुत आदर करते है, प्रणव दा ने तत्काल गुरु जी से कहा जिस व्यक्ति के सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन का वे खुद मुरीद है, वह मेरा आदर करता है ये सम्मान आजीवन याद रखूंगा। मुझे याद है उस दिन दिशोम गुरु शिबू सोरेन के सामने प्रणव दा ने मेरे सर पर हाथ रखते हुए कहा, तुम से मुझे बहुत उम्मीद है मेहनत करो निराश मत करना। उसके बाद कई बार उनसे मिला हर बार उनसे स्नेह ,प्यार और आशीर्वाद मिला।