“नए उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक के मुताबिक इन सोशल मीडिया मंचों का प्रयोग करने वाले पर प्रत्येक दिन 200 शिलिंग (0.05 डॉलर) की दर से जुर्माना लगेगा. यह कर एक जुलाई से प्रभावी होगा.
सिटी पोस्ट लाईव: अब ‘गपशप’ पर अंकुश लगाने और राजस्व बढाने का सरकार ने बढ़िया रास्ता खोज निकाला है.बढ़ते सोशल मिडिया के चलन को राजस्व बढाने का जरिया बना लिया है यूगांडा की सरकार ने.सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म जैसे फेसबुक, व्हाट्सएप, वाइबर और टिवट्र प्रयोकर्ताओं पर कर लगाने का विवादस्पद फैसला किया है.
“नए उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक के मुताबिक इन सोशल मीडिया मंचों का प्रयोग करने वाले पर प्रत्येक दिन 200 शिलिंग (0.05 डॉलर) की दर से जुर्माना लगेगा. यह कर एक जुलाई से प्रभावी होगा.”सोशल मीडिया कानून में बदलाव के लिए पहल करने वाले देश के राष्ट्रपति योवेरी मुसेवेनी ने मार्च में कहा था कि सोशल मीडिया फालतू की बातचीत और अफवाहों (गॉसिप) को बढ़ावा देता है.
वित्तमंत्री माटिया कासैजा को लिखे पत्र में मुसेवेनी ने जोर देकर कहा कि सोशल मीडिया से प्राप्त कर से देश में गपशप और अफवाहों (गॉसिपिंग) के दुष्प्रभावों से निपटने में मदद मिलेगी.साथ ही इससे देश के बढ़ते राष्ट्रीय कर्ज को चुकाने में भी मदद मिलेगी.
नए कानून में यह प्रावधान भी किया गया है कि मोबाइल से धन के लेन-देन के कुल योग पर भी एक फीसदी कर देना होगा. यूगांडा में 2016 में राष्ट्रपति चुनाव के मौके पर राष्ट्रपति मुसेवेनी ने इस पर रोक लगा दी थी और कहा था कि ‘ऐसा झूठ को फैलने से रोकने के लिए’ किया गया है.गौरतलब है कि यूगांडा एक गरीब और छोटा राज्य होने के वावजूद भी स्वच्छता के लिए दुनिया भर में मशहूर है.राष्ट्रपति हो या आम आदमी वहां सप्ताह में एक दिन सबको सारा कामकाज छोड़ कर अपने घर और मोहल्ले की सफाई करनी पड़ती है.यह कानूनी प्रावधान है जिसका उल्लंघन कोई नहीं कर सकता .