धूम्रपान निषेद दिवस पर पूर्वी चंपारण में-“तम्बाकू को ना कहे” का दिया गया संदेश

City Post Live - Desk

सिटीपोस्टलाईव: धूम्रपान निषेद दिवस के अवसर पर आईएमए प0 चम्पारण जिला इकाई के पदाधिकारी ने प्रेस वार्ता का आयोजन किया। इस प्रेस सम्मलेन में डॉ0 उमेश कुमार ने कहा कि – “तम्बाकू धूम्रपान दुनिया का अभी तक के सबसे बडे सार्वजनिक स्वास्थ्य संकटों मे से एक है”.धूम्रपान करने वाले ना  केवल खुद के बल्कि, धूम्रपान नही करने वालों के लिए भी खतरा पैदा करते है। लगातार धूम्रपान करने वाले में से हर चार मे से कम से कम एक व्यक्ति को  सीओपीडी होने का खतरा रहता है। धूम्रपान नही करनें वालो की अपेक्षा धूम्रपान करने वालों को  सीओपीडी होने का तीन गुणा ज्यादा खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि धूम्रपान करने वाले 40 फिसदी लोगों को स्थायी ब्रॉकाइटिस हो जाता है और उनमें से आधे 20 फिसदी लोग सीओपीडी के शिकार हो जाते है।

 

इस प्रेस वार्ता के दौरान उमेश कुमार ने धूम्रपान से होने वाले बीमारियों के बारे में विस्तार से बताया. मौके पर मौजूद सचिव डॉ0 अंजनी कुमार ने कहा कि “तम्बाकू का सेवन करने वालों मे तम्बाकू का धूम्रपान करने वालों का अनुपान 35.1 फिसदी है”. उन्होंने कहा कि भारत मे कैंसर के सभी मामलों मे 30 फिसदी से ज्यादा मुॅंह और फेफडो के कैंसर के मामले है। वही आईएमए के जिला मीडिया प्रभारी व ऑर्थोपेडिक संघ के जिला सचिव डॉ0 उमेश कुमार ने कहा कि तम्बाकू की आदत का छोडना (निकोटीन तम्बाकू मे मौजूद उतेजक रसायन) के प्रति शारीरीक लत के कारण ज्यादा मुश्किल हो जाता है।

गौरतलब है कि निकोटीन रिम्लेसमेंट थेरेपी (एनआर टी) को धूम्रपान करने वालों को धूम्रपान छोडने मे मदद के लिए एक प्रभावकारी उपचार के रूप मे विश्व स्तर पर मान्यता मिली हुई है। वही डॉ0 उपेन्द्र कुमार ने भी निकोटीन रिप्लेसमेंट थेरेपी से संबंधित बाते बताते हुए कहा कि शरीर मे निकोटीन की आपूर्ति करके निकोटीन विड्रॉअल और उसकी लत को कम करने मे मदद मिलती है।

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