सिटी पोस्ट लाइव, रांची: भारतीय जनता पार्टी के झारखंड प्रदेश का एक प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राजभवन जाकर राज्यपाल से मुलाकात की एवम एक ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधि मंडल का नेतृत्व भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष एवं सांसद दीपक प्रकाश कर रहे थे जबकि इसमें पार्टी के प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू एवम डॉ प्रदीप वर्मा भी शामिल थे। प्रदेश अध्यक्ष सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि हेमंत सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है।नेता प्रतिपक्ष की घोषणा को लेकर सरकार की मंशा ठीक नही है।मुख्यमंत्री प्रतिपक्ष के नेता के बिना ही विधानसभा का संचालन चाहते हैं। मुख्यमंत्री के बयानों में कई बार उनकी यह मंशा उजागर हो चुकी है।और ऐसा लगता है कि सरकार के इशारे पर विधानसभा अध्यक्ष भी नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नही कर रहे। प्रकाश ने राज्यपाल से इस संदर्भ में हस्तक्षेप की गुहार लगाते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में चुनाव लड़ने वाली झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) का 11 फरवरी 2020 को भारतीय जनता पार्टी में विधिवत विलय हो चुका है।
बाबूलाल मरांडी अविलंब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष घोषित हों : दीपक प्रकाश
06 मार्च 2020 को चुनाव आयोग ने इस विलय की मान्यता प्रदान कर दी है। राज्य सभा चुनाव की वोटिंग में चुनाव आयोग ने मरांडी को भाजपा विधायक के रूप में मान्यता प्रदान की जबकि विलय के पूर्व जेवीएम से पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण निष्कासित दो विधायको प्रदीप यादव एवम बंधु तिर्की द्वारा जेवीएम का कांग्रेस में विलय को चुनाव आयोग ने अमान्य घोषित कर दिया। पार्टी के कंघी सिंबल को भी फ्रिज कर दिया गया है। प्रकाश ने कहा कि भाजपा ने बार बार इन सारी बातों की लिखित जानकारी माननीय विधानसभा अध्यक्ष को दी है ।कहा कि आज सदन में पार्टी के 26 विधायक हैं। विधानसभा में 32 प्रतिशत सदस्यों के साथ भाजपा विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी है।
परंतु नेता प्रतिपक्ष की सभी अर्हताओं को पूरा करने के बाद भी विधानसभा अध्यक्ष के द्वारा नेता प्रतिपक्ष की घोषणा नहीं की जा रही। उन्होंने कहा कि प्रदेश में लोकतंत्र की परंपरा और मर्यादाओं का सत्ता पक्ष द्वारा माखौल उड़ाया जा रहा। इसलिये पार्टी राज्य के संवैधानिक प्रधान के पास निवेदन करने आई है। कहा कि लोकतंत्र को बचाने के लिये हस्तक्षेप की आवश्यकता है। प्रकाश ने राज्यपाल से अनुरोध करते हुए कहा कि मरांडी को अविलंब नेता प्रतिपक्ष घोषित करते हुए उन्हें सभी संवैधानिक सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक निर्देश देने की कृपा की जाए।