जम्मू कश्मीर की जिम्मेदारी सौंप मोदी ने जताया सिन्हा पर बड़ा भरोसा
सिटी पोस्ट लाइव, गाजीपुर: पूर्व केंद्रीय मंत्री व गाजीपुर के विकास पुरुष कहे जाने वाले मनोज सिन्हा को देश के सबसे संवेदनशील प्रदेश जम्मू-कश्मीर का उप राज्यपाल बनाए जाने के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया। एक तरफ जहां कुछ राजनीति के अति उत्साही शोधकर्ताओं ने सिन्हा के इस नियुक्ति को उनको राजनीति के हाशिए पर धकेलना बताया। वही काफी बड़ी तादाद उन लोगों की भी रही जिन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए जम्मू कश्मीर रणनीति का एक बड़ा हिस्सा है। ऐसे में धारा 370 समापन के ठीक एक वर्ष बाद जब वहां कुछ रचनात्मक कार्य संपादित करने हैं, मनोज सिन्हा की नियुक्ति नरेंद्र मोदी का बड़ा दाव है। इस बात को बल इसलिए भी मिल जाता है क्योंकि वर्तमान सरकार के प्रथम कार्यकाल में प्रधानमंत्री उन्हें अपने नवरत्नों में शामिल किए हुए थे। आज भी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व गृहमंत्री अमित शाह की नजर में मनोज सिन्हा की कीमत किसी नायाब हीरे से कम नहीं है।
गौरतलब हो कि मनोज सिन्हा के जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल नियुक्त होने के बाद जनपद में सोशल मीडिया पर भूचाल सा आ गया। बधाइयों का तांता लग गया। ऐसे में कुछ तथाकथित राजनीति के भविष्यवक्ता ऐसे भी थे जिन्होंने कयास लगाना शुरू कर दिया कि उप राज्यपाल बनाकर मनोज सिन्हा को राजनीति के हाशिए पर धकेला जा रहा है। जबकि काफी बड़ी तादाद में राजनीतिक, विशेषज्ञ, बुद्धिजीवी और तमाम लोगों ने एक सुर में कहा कि मनोज सिन्हा को यह दायित्व प्रधानमंत्री का उन पर बड़ा भरोसा जाहिर करता है जो मील का पत्थर साबित होगा। जिला पंचायत सदस्य अनिल कुमार पांडेय ने कहा कि वर्तमान परिस्थिति में जम्मू-कश्मीर देश ही नहीं बल्कि विश्व के तमाम बड़े देशों के राष्ट्राध्यक्षों व यूएन जैसी संस्था की नजर में रहता है। ऐसे में मनोज सिन्हा उप राज्यपाल को पूर्व प्रशासक के रूप में काम करने का मौका मिलेगा। फिलहाल जम्मू कश्मीर में 1 वर्षों से पूर्व धारा 370 समाप्त कर पूर्ण राज्य का दर्जा दे दिया गया है। लेकिन चुनाव नहीं होने की वजह से अभी तक वहां की कमान उप राज्यपाल के हाथ में ही रहेगी। इस प्रकार श्री सिन्हा वहां के पूर्व प्रशासक होंगे। भाजयुमो के जिलाउपाध्यक्ष प्रमोद कुमार वर्मा ने कहा कि पिछले 1 वर्षों से चल रही कश्मीर की गतिविधि में अब वहां रचनात्मक कार्यों के साथ ही आम चुनाव तक के कार्य कराए जाने योजना का हिस्सा होगा। ऐसे में श्री सिन्हा की नियुक्ति प्रधानमंत्री द्वारा उन पर बड़ा भरोसा जताना माना जा रहा है। भाजपा के पूर्व प्रदेश मंत्री प्रभुनाथ चौहान ने कहा कि मनोज सिन्हा की कार्यकाल आने वाले समय में जम्मू—कश्मीर से निकलकर भारत ही नहीं बल्कि विश्व के सभी सिरमौर नेताओं की नजर में एक मील का पत्थर साबित होगा।
जम्मू-कश्मीर का गाजीपुर से है अटूट नाता
देश के आजाद होने के तुरंत बाद जब पाकिस्तानी सेना ने कबालियों के भेष में कश्मीर पर हमला बोला तो उसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए गाजीपुर के सपूत परमवीर चक्र विजेय बिग्रेडियर उस्मान ने दुश्मनों को मोर्चा पर छक्के छुड़ा दिये और उन्हे मार भगाया। इस जंग में बिग्रेडियर उस्मान शहीद हो गये। अब 370 हटने बाद जम्मू कश्मीर में आतंकवाद समाप्त कर राजनीतिक प्रक्रिया बहाल करने और सुशासन स्थापित करने का लक्ष्य लेकर मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर जा रहे हैं। मनोज सिन्हा जम्मू कश्मीर के उप राज्यपाल बनने के बाद उन्हे सबसे बड़ा कार्य विकास कार्यों को जन-जन तक पहुंचाना होगा। अब देखना है कि मोदी सरकार के विश्वास पर मनोज सिन्हा कितना खरा उतरते हैं। वैसे तो उस्मान बिग्रेडियर से लेकर कारगिल युद्ध तक और आज भी गाजीपुर के नौजवना सैनिक सीमा की रक्षा में डटे हुए हैं और अपने पराक्रम कौशल को दिखाते हुए दुश्मनों को हर मोर्चे पर पराजित करते हैं। जनपद के गौरवशाली इतिहास को देखते हुए मनोज सिन्हा भी आने वाले कम में निश्चित ही जम्मू कश्मीर में आतंकवाद पर विजय प्राप्त कर राजनीतिक प्रक्रिया बहाल करने में सफल होंगे।