सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना काल में कोविड बीमा (Covid insurance) को लेकर रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन आरपार के मूड में है. सरकार की मुश्किलें बढ़ा दी है. रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कोविड इंश्योरेंस की मांग को लेकर बिहार ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर एक सप्ताह में रेजिडेंट डॉक्टर, जूनियर डॉक्टर और इंटर्न का कोविड बीमा नहीं होता है तो आगे डॉक्टर कार्य बहिष्कार कर सकते हैं. एम्स के चिकित्सक और आरडीए अध्यक्ष डॉक्टर विनय कुमार ने सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) को पत्र भी लिखकर अल्टीमेटम दिया है.
डॉ विनय ने सरकार से मांग की है कि नियमित डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की तर्ज पर बीमा किया जाए ताकि डॉक्टर सुरक्षा को लेकर निश्चिन्त रहें. रेजिडेंट डॉक्टरों को आईएमए ने भी समर्थन दिया है. आईएमए के वरीय उपाध्यक्ष डॉ अजय कुमार ने भी सरकार पर सौतेला व्यवहार का आरोप लगाते हुए कहा कि रेजिडेंट डॉक्टर,जूनियर डॉक्टर, इंटर्न और असिस्टेंट प्रोफेसर पर सरकार का ध्यान ही नहीं है जबकि सभी दिन रात कोरोना में जान की बाजी लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं. इस दौरान अबतक राज्य के कई डॉक्टरों की कोरोना से जान भी चली गई है.
आईएमए ने साफ कहा कि इंटर्न हों या जूनियर डॉक्टर हर किसी की जान कीमती है. कोविड से कोई भी संक्रमित हो सकता है फिर सरकार बिना बीमा किये कैसे ड्यूटी ले सकती है. गौरतलब है कि राज्य स्थायी स्वास्थ्यकर्मियों और चिकित्सकों के लिए सरकार ने 50 लाख का कोविड बीमा का एलान किया था जिसके बाद रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टरों में सरकार के प्रति न सिर्फ नाराजगी बढ़ी है बल्कि आंदोलन करने तक को तैयार हैं.
राज्यभर के लैब टेक्निशियंस भी सरकार की चुनौती बढ़ाने वाले हैं. बिहार में कल से कोरोना जांच ठप हो सकती है. बीएसससी के रवैये से नाराज राज्यभर के लैब टेक्निशियंस कल से हड़ताल पर जा रहे हैं. लैब टेक्निशियंस ने 4 दिनों पहले ही सरकार और बीएसससी को अल्टीमेटम दिया था कि सेवा स्थायी को लेकर हुई काउंसिलिंग की मेधा सूची जारी करें लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई.गौरतलब है कि बीएसएससी ने वर्ष 2015 में ही सेवा स्थायी को लेकर विज्ञापन निकाला था, लेकिन 5 साल बाद भी मेधा सूची जारी नहीं हुई. गर्दनीबाग में लैब टेक्निशियंस पीपीई किट पहनकर प्रदर्शन करने पहुंचे हैं और चेतावनी दे रहे हैं.