सिटी पोस्ट लाइव:महाराष्ट्र में एकबार फिर से बीजेपी और शिव सेना के बीच सियासी खिचडी पकने लगी है.महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल मंगलवार को पाटिल गठबंधन से दूर हुए सहयोगी दल शिवसेना की ओर हाथ बढ़ाते दिखे. हालांकि मुख्यमंत्री पद पर उन्होंने पूर्व केअपने रुख को दोहराया और कहा कि बीजेपी यह पद किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ साझा नहीं करेगी. राज्य के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस का कहना है कि उनके पास न तो ऐसा कोई प्रस्ताव आया है और न उन्होंने शिवसेना को दिया है.
गौरतलब है कि बीजेपी अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने सोमवार को ही पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे महाराष्ट्र में अपने बूते पर सरकार बनाने की कोशिश में जुट जाएं. इसके बाद मंगलवार को चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टी होने के नाते बीजेपी मुख्यमंत्री का पद किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ साझा नहीं करेगी क्योंकि अगर वह ऐसा करती है तो उसे बिहार और हरियाणा जैसे राज्यों में भी यही फॉर्मूला अपनाना होगा. पाटिल ने कहा, ‘अगर बीजेपी का केन्द्रीय नेतृत्व प्रदेश के हित में महाराष्ट्र ईकाई को शिवसेना के साथ गठबंधन करने को कहता है… मैं एक बात स्पष्ट कर दूं कि यदि दोनों पार्टियां बीजेपी और शिवसेना साथ आ भी जाती हैं, तो भी हम भविष्य में साथ मिलकर चुनाव नहीं लड़ेंगे.’
मुख्यमंत्री पद को लेकर बीजेपी का रुख स्पष्ट करते हुए पाटिल ने कहा, ‘हम पिछले पांच साल शिवसेना के साथ काफी उदार रहे. यहां तक कि 2019 विधानसभा चुनाव के बाद हम पार्टी के साथ और मंत्री पद साझा करने को तैयार थे. लेकिन राष्ट्रीय दल होने के नाते बीजेपी किसी क्षेत्रीय पार्टी के साथ मुख्यमंत्री पद नहीं बांट सकती. एक तरह से पार्टी की मजबूरी समझाते हुए पाटिल ने कहा, अगर हम ऐसा करते हैं तो बिहार, हरियाणा और अन्य राज्यों में भी हमें ऐसा ही करना होगा.
गौरतलब है कि बीजेपी और उसके पुराने सहयोगी शिवसेना ने 2019 का विधानसभा चुनाव साथ मिलकर लड़ा था. लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों के बीच मतभेद हुआ और शिवसेना ने गठबंधन का साथ छोड़ दिया. उसके बाद शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ मिलकर महा विकास आघाड़ी का गठन किया और इस सरकार के मुख्यमंत्री शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बने.