सिटी पोस्ट लाइव :बाढ़ की आपदा के बीच राहत बचाव कार्य में जुटी NDRF की नाव में एक नवजात की किलकारी गूंजी है.एक महिला ने बिहार के पूर्वी चम्पारण मोतिहारी जिला में बाढ़ राहत एवं बचाव ऑपेरशन में जुटी एनडीआरएफ (NDRF) की 9वीं बटालियन के रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान उसकी बोट पर एक बच्ची को दिया जन्म दिया है. महिला का नाम रीमा देवी और उम्र 25 वर्ष बतायी जा रही है. दरअसल यह महिला प्रसव को लेकर बेहद परेशान थी और परिवार के अन्य लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती थी कि संकट की इस घड़ी में जल्द से जल्द नजदीक के प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया (Primary Health Center Banjariya) कैसे उन्हें पहुंचाया जाये.
जैसे ही इसकी सूचना उस गांव के नजदीक ऑपेरशन में जुटी एनडीआरएफ की 9वीं बटालियन के कमाण्डर सहायक उप निरीक्षक जितेन्द्र कुमार को जैसे ही मिली उन्होंने अपने प्रभारी अधिकारी अरविन्द मिश्रा को यह सूचना वायरलेस के माध्यम से दी. इधर निर्देश मिलते ही पास मौजूद एनडीआरएफ की एक टीम बूढ़ी गंडक नदी के बाढ़ प्रभावित गांव गोबरी प्रखण्ड बंजारिया स्थित प्रसव पीड़ित महिला के घर के नजदीक रेस्क्यू बोट लेकर पहुंच गए. इसके बाद त्वरित कार्यवाई करते हुए एनडीआरएफ के कार्मिक प्रसव पीड़ित महिला रीमा देवी को उनके परिजनों एवं साथ में एक आशा सेविका को लेकर रेस्क्यू बोट से नजदीकी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया ( मोतिहारी ) सुरक्षित पहुंचाने में जुट गए.
इस बीच बूढ़ी गंडक नदी बाढ़ के मजधार होते हुए जाने लगे तभी गर्भवती महिला रीमा देवी का प्रसव का दर्द और बढ़ गया. महिला की गम्भीर हालत एवं उनके जान जोखिम को देखते हुए एनडीआरएफ रेस्क्यू बोट पर ही प्रसव कराने का फैसला लिया गया. आखिर में एनडीआरएफ के बचावकर्मी, आशा सेविका और उनके परिवार के महिलाओं के सहयोग से सफल एवं सुरक्षित प्रसव करा लिया गया. इस प्रकार बाढ़ के बीच मजधार में एक नन्हीं बच्ची की किलकारी गूंज उठी. रीमा देवी ने NDRF रेस्क्यू बोट पर ही एक बच्ची को जन्म दिया. महिला और नवजात शिशु को भोला चौक रोड के नजदीक सुरक्षित लाकर सरकारी एम्बुलेन्स की मदद से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बंजारिया (मोतिहारी) में भर्ती करवा दिया गया महिला और नवजात शिशु दोनों स्वस्थ्य हैं.
एनडीआरएफ की 9वी बटालियन के कमान्डेंट विजय सिन्हा ने बताया कि बाढ़ प्रभवित इलाकों से सुरक्षित निकालने के क्रम में वर्ष 2013 से यह सिलसिला शुरू हुआ है. इस तरह से हमारी बटालियन ने अपने रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान अपने बोट पर आज तक में दसवें शिशु जन्म दिलाने का काम किया है जिसमें एक जुड़वे बच्चे का जन्म भी शामिल है. भगवान का शुक्र है कि अब तक सभी शिशु का जन्म सुरक्षित हुआ है. विजय सिन्हा कहते है कि हमारे बचावकर्मियों का उद्देश्य मुसीबत में फंसी गर्भवती महिला को जल्द से जल्द सुरक्षित तरीके से नजदीकी अस्पताल पहुंचाने का होता है. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि एनडीआरएफ के बचावकर्मी आपदा रेस्पांस के अन्य तकनीकों के साथ साथ प्रथम चिकित्सा उपचारक में प्रशिक्षित होते हैं. उन्हें सुरक्षित प्रसव कराने के बारे में भी प्रशिक्षित किया जाता है ताकि आपदा में जरूरतमंद को हर संभव मदद किया जा सके.अब तक एनडीआरएफ की टीमें बाढ़ प्रभावित गोपालगंज, सुपौल, दरभंगा, सारण, पूर्वी चम्पारण और पश्चिम चम्पारण जिलों में बाढ़ बचाव ऑपेरशन करके 5 हजार 300 से अधिक लोगों को जलमग्न गांवों से निकालकर सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया है.