बिहार को केंद्र से मिला 3 लाख रैपिड एंटीजन टेस्ट किट और 100 और वेंटिलेटर.

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सिटी पोस्ट लाइव :बिहार में कोरोना (Corona Epidemic) के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए बिहार को केंद्र सरकार (Central Government) ने तीन लाख और रैपिड एंटीजन टेस्ट किट (Corona Test Kit) भेजा है ताकि  जांच में तेजी आ सके. इसके अलावा सरकार कोरोना के बढ़ते संक्रमण को को देखते हुए वेंटिलेटरों की संख्या पांच सौ करने में जुटी है.कोरोना जांच में गति देने के लिए राज्य सरकार ने तीन खेप में दो लाख 80 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट किट उपलब्ध करा लिया है. पिछले एक सप्ताह के अंदर 20 हजार रैपिड एंटीजन टेस्ट किट भारत सरकार ने भिजवाया है जिसे सभी जिलों में भेजा जा रहा है.

राज्य के सभी अनुमंडल अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रैपिड एंटीजन टेस्ट से जांच की व्यवस्था शुरू कर दी गई है. भारत सरकार द्वारा बिहार में पर्याप्त संख्या में वेंटिलेटरों की आपूर्ति की गई है, जिसे विभिन्न सरकारी मेडिकल कालेज सह अस्पतालों में लगाया जा रहा है. भारत सरकार द्वारा पहले एक सौ वेंटिलेटर और फिर 264 वेंटिलेटर भेजा गया. 30 वेंटिलेटर बिहार सरकार द्वारा क्रय किया गया है.आठ वेंटिलेटर विभिन्न स्त्रोतों से सीएसआर के माध्यम से प्राप्त हुआ.कुल 402 वेंटिलेटर पिछले दो महीने के अंदर स्वास्थ्य विभाग को मिले हैं. एक सौ और वेंटिलेटर केंद्र सरकार से अगले 15 से 20 दिनों में प्राप्त होंगे.

पांच सौ से अधिक नये वेंटिलेटर इस कोरोनाकाल में स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराया गया है. इसके अतिरिक्त पूर्व में भी भारत सरकार ने 4500 ‘बी’ टाइप और 3688 ‘डी’ टाइप ऑक्सीजन गैस सिलेंडर बिहार सरकार को उपलब्ध कराया है.बिहार के स्वास्थय मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने की समुचित व्यवस्था की है. पिछले दो सप्ताह के दौरान इस वायरस ने काफी संख्या में लोगों को अपनी चपेट में ले लिया है. लेकिन सुखद बात यह है कि अन्य राज्यों की तुलना में बिहार में कोरोना पर विजय प्राप्त करने वालों में लगातार इजाफा हो रहा है. कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए बिहार सरकार न सिर्फ पूरी तरह संवेदनशील है, बल्कि भारत सरकार के सहयोग से हर स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रही है. एक ओर जहां रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से कोरोना मरीजों की पहचान कम समय में हो रही है, वहीं अब पीएचसी स्तर पर भी जांच की व्यवस्था हो जाने से ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए जांच कराना आसान हुआ है.

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