सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा है कि झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को लेकर बहुत सी गलत कतिपय भ्रांतियां हैं जो अफवाह मात्र हैं इसका अध्यादेश से कोई लेना देना नही हैं। राज्य में संक्रामक रोगों के प्रचार और संक्रमण रोकने के लिए कोई कानून की व्यवस्था नही थी इसलिए इस अध्यादेश को लाना पड़ा हैं, ओड़िशा और केरल ने भी अपने राज्यों के लिए अध्यादेश लाया हैं इसलिए जनहित में झारखंड सरकार भी ये अध्यादेश लेकर आई हैं। स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने सभी अफवाहों को खारिज करते हुए कहा कि राज्य सरकार द्वारा जारी निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न नियमों में अलग अलग दंड का प्रावधान हैं जिसमे अधिकतम दंड की राशि 1 लाख रुपए या फिर 2 साल की सजा होगी।
उन्होंने बताया कि यदि कोई मास्क नही लगाता है तो अलग दंड की राशि और कोई बड़े आयोजन कर संक्रमण फैलाता है तो उसपर अधिकतम दंड राशि का प्रावधान किया जाएगा। कहने का आशय हैं कि जितनी बड़ी गलती होगी उतनी बड़ी सजा का प्रावधान किया जाएगा।उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी की गलती से किसी की जान चली जाए ये मानवीय संवेदना नही हैं। उन्होंने कहा कि मनुष्य की जान की कीमत के बराबर कोई जुर्माना नही होता। उन्होंने बताया कि ये अफवाह फैलाई जा रही हैं कि मास्क न पहनने पर 1 लाख रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा ये गलत और निराधार हैं, यहां विभिन्न श्रेणियों में गलती करने वालों और निर्देशों का उल्लंघन करने वालों को लिए अलग अलग दंड और सजा का प्रावधान हैं जिसकी अधिकतम राशि 1 लाख रुपए होगी, उससे ज्यादा नही लिया जा सकेगा। वहीं मास्क नही लगाने, भीड़ इकट्ठा कर संक्रमण फैलाने, व्यवसाय के दौरान भीड़ इकट्ठा कर बिना सरकारी दिशा निर्देश का पालन करने समेत अन्य मामलों में अलग अलग जुर्माना राशि का प्रस्ताव का प्रावधान हैं न कि सबके लिए 1 लाख जुर्माना लगाया जाएगा।
बन्ना गुप्ता ने बताया कि मानवहित की रक्षा और मानव जीवन की रक्षा के लिए ये प्रस्ताव लाया गया है, जो अभी प्रक्रियाधिन हैं, इसको कैबिनेट से स्वीकृति मिल गई है, रेगुलेशन का ड्राफ्ट तैयार हैं, जो विभागीय प्रक्रिया से गुजरने के बाद माननीय राज्यपाल महोदया के पास स्वीकृति के लिए जाएगा और स्वीकृति होने के बाद ही कानून के शक्ल में आएगा। हेमंत सोरेन सरकार इसको लेकर लगातार समीक्षा कर रही हैं और जनहित के दृष्टिकोण से इसे लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के साथ मिलकर कुछ लोग इस अध्यादेश को लेकर अफवाह और निराधार बातें फैला कर कुटिल राजनीति कर रहे हैं जिसकी हम कड़ी निंदा करते हैं।हेमंत सोरेन जी की सरकार जनता का जनता के लिए जनता द्वारा बनाई गई सरकार हैं और जो भी फैसला लिया जाएगा वो जनता के हित में लिया जाएगा।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी बिना जाने अनर्गल बयान देकर जनता को गुमराह कर रही हैं लेकिन राज्य की जनता को पता है कि हेमंत सरकार कभी भी कोई काला कानून नही लाएगी जिससे जनता के ऊपर कोई बोझ पड़े। केंद्र की बीजेपी सरकार ने मोटर वेहिकल अधिनियम जैसे काला कानून लाकर जनता का आर्थिक दोहन किया, जीएसटी और पेट्रोलियम पदार्थों में वृद्धि के माध्यम से जनता की कमाई पर डाका डाला है और आज हम पर झूठे और बेबुनियाद आरोप लगा रही हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि इस अध्यादेश को लेकर विपक्ष झूठ फैला कर जनता को दिग्भ्रमित कर रहा है, बीजेपी के इस दुःसाहस का जितनी निंदा की जाए कम हैं।उन्होंने बताया कि अभी ये अध्यादेश प्रक्रियाधिन हैं जिसमें विभिन्न प्रकार के समीक्षा के बाद लागू किया जाएगा जिसमें जनहित को सर्वोपरि रखा जाएगा क्योंकि ये जनता की सरकार हैं।