करहारा गांव आज भी चचरी और नाव के सहारे, जनप्रतिनिधियो ने किया है ठगने का काम

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : मधुबनी जिला के बेनीपट्टी का करहारा गांव आज भी अपनी बदनसीबी पर रो रहा है। गांव धौंस नदी से चारो ओर से घिरा हुआ है। ऐसे में आपातकालीन स्थिति में भी लोगों को नाव के सहारे की अपना काम करना पड़ रहा है। गांव के लोगों की विवशता कहीं न कहीं नीतीश सरकार के विकास के दावे की पोल खोलने के लिए काफी है। दरअसल सोमवार की रात मेघवन पंचायत के मलिकाना गांव निवासी रजी अहमद 45 वर्ष को करहारा गांव स्थित अपने ससुराल में हाॅर्टअटैक का झटका लगा। किसी तरह मरीज को चारपाई पर रख नदी के निकट लाकर नाव पर रख धौंस नदी को पार कराया गया। फिर चारपाई के सहारे ही पैदल बसैठ तक ले जाया गया। तब तक मरीज की स्थिति काफी विकराल हो गई थी।

ग्रामीण इरफान ने बताया कि नीतीश सरकार के मंत्री द्वारा सूबे में चचरी पुल का जमाना नही रहने के दावे किए जा रहे है। मगर करहारा गांव आज भी चचरी और नाव के सहारे है। पूर्व केंद्रीय मंत्री डा० शकील अहमद, विधायक भावना झा, पूर्व सांसद हुकुमदेव नारायण यादव, वर्तमान सांसद अशोक यादव, हरलाखी के विधायक सुधांशु शेखर सहित अन्य जनप्रतिनिधियों द्वारा सिर्फ गांव के लोगों को झूठा आश्वासन ही दिया गया। मगर आज तक वायदे को पुरा नही किया गया। आज अगर धौंस नदी पर पुल रहता और करहारा गांव मुख्य सड़क से जुड़ा रहता तो मरीज को हाॅस्पीटल पहुंचाने में इतना समय नही लगता।

मधुबनी से सुमित कुमार की रिपोर्ट

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