सिटी पोस्ट लाइव : नेपाल के जल मंत्री बर्धमान पुन ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के मद्देनजर हिमालयी देश, विशेषकर दक्षिण में देश के तराई क्षेत्र के सामने भारत के साथ बातचीत की तैयारी शुरू कर दें। आपको बता दें कि भारत और नेपाल दोनों ही मानसून के मौसम में बाढ़ की समस्या का सामना कर रहा है। शुक्रवार की देर दोपहर को एक बैठक में मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे बाढ़ और बाढ़ प्रबंधन के लिए बनी भारत-नेपाल संयुक्त समिति (JCIFM) की बैठक के लिए तैयारी करने की तैयार करें, जहां बाढ़ का मुद्दा उठाया जाएगा।
मंत्री ने कहा, “बाढ़ की वजह से तराई क्षेत्र को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। हमें जेसीआईएफएम की बैठक में भारत के हिस्से में बनाए गए बांध के कारण हो रही समस्या के बारे में बताने की आवश्यक्ता है। इसके लिए तैयारी शुरू कर दें। नेपाल और भारत JCIFM की बैठक में नवंबर में हिस्सा लेते रहे हैं, लेकिन मंत्रालय ने मंत्री से सीधे आदेश प्राप्त करने के बाद तत्काल प्रभाव से भारत के संबंधित विभाग को सूचित करने की तैयारी शुरू कर दी है। मंत्रालय के सचिव रवींद्रनाथ श्रेष्ठ ने कहा, “नवंबर के महीने में वार्षिक बैठक आयोजित की जाती है लेकिन इस बार हमें मंत्री से सीधा आदेश मिला है। इसलिए हम भारत को तत्काल प्रभाव से सूचित करेंगे।”
इस मुद्दे पर चर्चा के लिए भारत और नेपाल द्वारा गठित संयुक्त आयोग का नेतृत्व नेपाल के सिंचाई विभाग के महानिदेशक मधुकर प्रसाद राजभंडारी करेंगे। इस हफ्ते की शुरुआत में नेपाल के गृह मंत्री ने वार्षिक मानसून के मौसम के दौरान तराई क्षेत्र की बाढ़ के लिए भारत को दोषी ठहराया था। थापा ने भारत पर सीमा के साथ संरचनाओं के निर्माण के लिए दोषी ठहराया। उनका दावा है कि उन्होंने पानी के प्रवाह को अवरुद्ध कर दिया और परिणामस्वरूप नेपाल के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ आ गई।
बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा ने पिछले महीने कहा था कि नेपाल ने भारत-नेपाल सीमा पर बिहार में नदी तटबंधों के सभी मरम्मत कार्य रोक दिए हैं। साथ ही प्रभावी ढंग से अपने निचले इलाकों में बाढ़ को रोकने के लिए भारत द्वारा किए जा रहे काम पर रोक लगा दी है। आपको बता दें कि नेपाल के द्वारा पानी छोड़ने की वजह से बिहार की कई नदियों में बाढ़ जैसे हालात बन चुके हैं।थापा ने कहा था कि नेपाल सरकार ने समस्या हल करने के लिए कुछ कूटनीतिक कदम उठाए हैं, लेकिन कहा कि यह कारगर नहीं रहा। उन्होंने कहा “भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेपाल यात्रा के समय कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे, लेकिन उन सभी को अभी तक लागू नहीं किया गया है।
सुमित कुमार की रिपोर्ट