सिटी पोस्ट लाइव : आठ सालों में 264 करोड़ की लागत से गंडक नदी (Gandak River) पर बने सत्तरघाट महासेतु के पहुंच पथ (Approach Road) ध्वस्त होने को लेकर बिहार की सियासत में उबाल आ गया है. तेजस्वी यादव (Tejaswi Yadav), उपेंद्र कुशवाहा (Upendra Kushwaha) और कांग्रेस के नेता तो ताबड़तोड़ हमले कर ही रहे हैं अब सहयोगी दल एलजेपी एलजेपी के राष्ट्रिय अध्यक्ष चिराग़ पासवान (Chirag Paswan) ने भी नीतीश सरकार पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. चिराग़ ने ट्वीट कर कहा इस तरह की घटनाएं जीरो करप्शन पर सवाल उठाती हैं इसलिए इसकी जांच होनी चाहिए.
चिराग पासवान ने ध्वस्त हुए एप्रोच रोड का फोटो शेयर करते हुए अपने ट्वीट में लिखा, 264 करोड़ की लागत से बने पुल का एक हिस्सा आज ध्वस्त हो गया है. जनता के पैसे से किया कोई भी कार्य पूरी गुणवत्ता से किया जाना चाहिए था. इस तरह की घटनाएं जनता की नजर में ZERO CORRUPTION पर सवाल उठाती हैं. लोजपा मांग करती है की उच्च स्तरीय जांच कर जल्द दोषियों पर कड़ी कार्रवाई करें.गौरतलब है कि इससे पहले बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने नीतीश सरकार को आड़े हाथों लेते हुए न केवल निर्माण करने वाली कंपनी को ब्लैक लिस्टेड करने की मांग की है, बल्कि पुल बनाने में खर्च की गई राशि को रिकवर करने की भी बात कही है.
गुरुवार को नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिस पुल का उद्घाटन खुद सीएम ने बड़े तामझाम के साथ किया था, जो पुल 8 साल से बन रहा था और जिसे बनाने में 264 करोड़ रुपए का खर्च आया वो महज 29 दिन में ही टूट कर बह गया.तेजस्वी ने कहा कि दरअसल, नीतीश कुमार के राज में पुल टूटना आम बात हो गई है. इससे पहले भी भागलपुर के कहलगांव में उद्घाटन के एक दिन पहले ही बांध टूट गया था. तेजस्वी ने तंज भरे लहजे में कहा कि बिहार में चूहे बांध तोड़ देते हैं, ऐसे में पुल टूटने पर पैसे की रिकवरी कैसे होगी. उन्होंने कहा कि 15 साल में सीएम ने 55 घोटाले किए हैं.
इस मामले में राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने भी सवाल उठाते हुए कहा, बांध को तो चूहे कुतर देते थे, लेकिन अभी कुछ हफ़्तों पूर्व, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी के कर कमलों से उद्घाटन हुआ सत्तरघाट पुल को कहीं कागजी चीटियां तो नहीं चट कर गयीं.वहीं कांग्रेस नेता अखिलेश सिंह ने कहा कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के सिटिंग जज से करवानी चाहिए क्योंकि ौर किसी एजेंसी से जांच का कोई मतलब नहीं है. अखिलेश सिंह ने कहा कि नीतीश सरकार नीचे से लेकर ऊपर तक आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी है.
लेकिन सबसे मजेदार बात ये है कि जिस सतरघाट महासेतु के ध्वस्त होने की बात कही जा रही है, वो अभी भी सही सलामत है.उस पूल से दो किलो मीटर दूर पहुँच पथ के एक छोटे से पूल का पहुँच पथ पानी में बह गया है.बात हो रही है सैकड़ों करोड़ रुपये के घोटाले की लेकिन मामला बाढ़ के पानी में सड़क के बह जाने का है.बाढ़ में इस तरह से सडकों के बह जाने का ये कोई पहला मामला नहीं है.बाढ़ में हर साल सैकड़ों किलो मीटर सड़कें बर्बाद हो जाती हैं.
दरअसल, खबर ही पूरी तरह से झूठी है कि दो सौ करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बना सतरघाट महासेतु ध्वस्त हो गया है.इस सेतु तक जाने वाली एक पहुँच पथ पर बनी एक 50 फीट की छोटी पुलिया का पहुँच पथ ध्वस्त हुआ है.लेकिन हैरत की बात ये है कि फिर भी विपक्ष का हमला रुकने का नाम नहीं ले रहा.तेजस्वी यादव सरकार पर हमला करने के चक्कर में अक्सर जल्दबाजी कर ही देते हैं लेकिन चिराग पासवान भी इसबार वगैर खबर की पड़ताल किये तेजस्वी यादव के सुर में सुर मिलाते दिख रहे हैं.