सिटी पोस्ट लाइव, खूंटी: कोरोना को लेकर जारी लाॅक डाउन के कारण सावन की पहली सोमवारी को दक्षिणी छोटानागपुर के मिनी बाबाधाम के रूप में विख्यात बाबा आमे्रश्वर धाम सहित जिले के तमाम शिवालयों और मंदिरों में सन्नाटा पसरा रहा। हालांकि कि ग्रामीण क्षेत्र के कुछ मंदिरों में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए श्रद्धालुओं ने बाबा भोलेनाथ का जलार्पण और पूजन किया। बाबा भोलेनाथ की पूजा-अर्चना के लिए सोमवार को सुबह ही कई भक्त आम्रेश्वर धाम पहुंच गये, पर वहां तैनात पुलिस कर्मियों ने किसी को पूजा या जलार्पण की अनुमति नहीं दी। जिला मुख्यालय स्थित बुढ़ुआ महादेव, नामकुम मंदिर, पिपराटोली स्थित शिवालय, तोरपा के पतरायुर स्थित बाबा नागेश्वर धाम सहित अन्य मंदिरों में गिने-चुने भक्तों ने ही पूजा-अर्चना की। भक्तों को जालार्पण और पूजा की अनुमति नहीं दिये जाने से हालांकि कुछ भक्तों ने नाराजगी भी जाहिर की। उनका कहना था कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए पूजा की इजाजत मिलनी चाहिए। जिले के ग्रामीण इलाकों के मंदिरों में भी भक्तों की भीड़ नजर नहीं आयी। कर्रा के बिकुवादाग, जरियागढ़ सहित अन्य मंदिरों में पुलिस को तैनात कर दिया गया था।
पुजारियों के निवाले पर आफत
कोरोना बंदी को लेकर सावन के महीने में भक्तों के आम्रेश्वर धाम नहीं आने से मंदिर के पुजारियों के निवाले पर भी आफत आ गयी है। बाबा आम्रेश्वर धाम के पुजारियों का कहना था कि सावन महीने में हर दिन भक्तों को तांता लगा रहता था। इसके कारण पुजारियों को भी अच्छी आय हो जाती थी, पर लाॅक डाउन के कारण मंदिरों में पूजा-अर्चना पर रोक के कारण उनकी पूरी कमाई बंद हो गयी। वैसे भी मार्च से ही यात्री वाहनों का परिचालन बंद होने से बस अंगराबारी मंदिर नहीं आ रहे हैं। उनसे भी कुछ बहुत कमाई पुजारियों को हो जाती थी, पर अब यह भी बंद है। पुजारियों ने कहा कि उन्हें परिवार चलाने में काफी परेशानी हो रही है। एक महीने तक लगने वाला श्रावणी मेला भी इस बार नहीं लगा। इसके कारण दुकानदारों को तो नुकसान हुआ ही, मंदिर प्रबंध समिति की आय भी प्रभावित हुई।
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