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94 हजार प्राइमरी शिक्षकों की बहाली पर रोक, 4 सितंबर को होगी अगली सुनवाई.

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सिटी पोस्ट लाइव ; विधान सभा चुनाव के पहले बिहार सरकार द्वारा की जानेवाली शिक्षकों की बहाली पर ग्रहण लग गया है. पटना हाईकोर्ट ने 94000 प्राइमरी स्कूल के शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा दी है. नीरज कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने बहाली के क्राइटेरिया बदलने को अनुचित ठहरा दिया है.न्यायधीश ने कहा है कि बहाली की प्रक्रिया बदलने का अधिकार किसी को नहीं है.

याचिकाकर्ता के वकील दीनू कुमार सिंह और रितिका रानी ने कोर्ट के सामने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि बिहार सरकार के द्वारा 5/6/2020 को प्राइमरी शिक्षकों की बहाली को लेकर उपयुक्त उम्मीदवारों से आवेदन की मांग की गई थी. इस विज्ञापन के अनुसार जो भी अभ्यर्थी TET, STET और DLED पास हैं वे 15/6/2020 से लेकर 14/7/2020 तक आवेदन दे सकते हैं. लेकिन इन सबों के बीच बहाली को लेकर एक पत्र निर्गत किया गया, जिसमे यह आदेश यह क्लाउज था कि जो 23 नवम्बर 2019 तक DLED की परीक्षा पास कर चुके हैं वे आवेदन दे सकते हैं. जो अभ्यर्थी दिसम्बर 2019 में STET पास कर चुके हैं वे आवेदन नहीं दे सकते.उन्होंने कहा कि यह अन्याय है.

इस मामले पर पर सुनवाई करनेवाले पटना हाई कोर्ट के जज जस्टिस अनिल कुमार उपाध्याय ने सरकार के वकील से  पूछा कि सरकार ने बीच में क्राइटेरिया कैसे बदल दिया.कोर्ट ने  शिक्षकों की नियुक्ति के नियम में किये गए बदलाव को अस्वीकार करते हुए 94 हजार शिक्षकों की बहाली पर रोक लगा दी.अब इस मामले पर कोर्ट अगली सुनवाई 4 सितंबर को करेगा.हाईकोर्ट के इस आदेश से बिहार सरकार को तगड़ा झटका लगा है.गौरतलब है कि सरकार विधान सभा चुनाव से पहले शिक्षकों की बहाली करना चाहती है.लेकिन अब यह संभव नहीं हो पायेगा.

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