तेजस्वी के विधायक फिर दे गये गच्चा, आरजेडी पर मंडरा रहा बड़ी टूट का साया

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइवः बिहार विधानसभा चुनाव से पहले आरजेडी पर बड़ी टूट का साया मंडरा रहा है। पार्टी को एक बड़ा झटका पहले भी लग चुका है। पार्टी के 5 विधानपार्षद जेडीयू में शामिल हुए हैं। इसके ठीक अगले दिन भी आरजेडी के कई नेताओं ने जेडीयू का दामन थाम लिया। आरजेडी अभी इस झटके से कराह हीं रही थी कि अब एक और बड़ी खबर आ गयी है। राजद के अंदरूनी सूत्रों के हवाले से खबर है कि दरअसल राजद में जो भागदौड़ मची है वो सिर्फ ट्रेलर है असली फिल्म बाकी है यानि राजद पर अभी बड़ी टूट का साया मंडरा रहा है। आरजेडी के कई विधायकों ने एक बार फिर तेजस्वी को गच्चा दिया और इसके बाद से हीं यह सवाल है कि क्या वाकई आरजेडी में वैसे विधायकों या नेताओं की तादाद बड़ी है जो जेडीयू और बीजेपी के संपर्क में है और मौका मिलते हैं इन दलों का दामन थाम लेंगे?

कल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतों के खिलाफ साइकिल रैली निकाली। रैली में तेजस्वी के साथ उनके बड़े भाई तेजप्रताप यादव और पार्टी के कुछ नेता-कार्यकर्ता शामिल हुए। जहां तक विधायकों की बात है तेजस्वी की साइकिल रैली से बड़ी संख्या आरजेडी के विधायक नदारद रहे कुछ विधायकों ने हीं तेजस्वी की साइकिल रैली में हिस्सा लिया। कल की इस घटना को तेजस्वी के लिए एक और बड़ा झटका माना जा रहा है क्योंकि राजद के अंदरूनी सूत्र बताते हैं कि डीजल-पेट्रोल बहाना था तेजस्वी को इस साइकिल रैली के बहाने यह दिखाना था कि आरजेडी के सारे विधायक उनके साथ हैं और पार्टी पूरी तरह से एकजुट है लेकिन ऐसा हो नहीं पाया। हो सकता है पार्टी के विधायकों के पास तेजस्वी की साइकिल रैली में शामिल नहीं होने की अलग-अलग वजह हो लेकिन कहा यह भी जा रहा है कि तेजस्वी की साइकिल रैली में शामिल नहीं होने वाले ज्यादातर आरजेडी विधायकों के पास एक हीं वजह है कि वे दूसरे राजनीतिक दल में अपना ठिकाना तलाश रहे हैं।

जाहिर है विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे तेजस्वी यादव की राह उन्हीं की पार्टी के कुछ नेताओं और विधायकों ने मुश्किल कर दी है। बिहार की सियासत का घटनाक्रम यह बता रहा है कि दिनोंदिन तेजस्वी यादव की लड़ाई मुश्किल हो रही है, उनकी चुनौतियां बढ़ रही है और सियासी दुश्मनों से ज्यादा उनके अपनों ने उनकी राह मुश्किल कर रखी है चाहे वे पार्टी के अंदर के नेता और विधायक हों या फिर सहयोगी दल। रघुवंश प्रसाद सरीखे पार्टी के बड़े नेताओं की नाराजगी अलग मुसीबत है.

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