सिटी पोस्ट लाइव :महागठबंधन में जीतन राम मांझी को RJD सुप्रीमो लालू यादव ने सेट कर दिया है.लालू यादव और तेजस्वी यादव ने मांझी के साथ बात करना बंद कर दिया है.इस बीच वीआइपी पार्टी के नेता मुकेश सहनी को सेट कर लिया है.कोआर्डिनेशन कमिटी की मांग को लेकर तेजस्वी यादव पर निशाना साधनेवाले मुकेश सहनी अब लालू चालीसा गाने लगे हैं.वीआईपी सुप्रीमो मुकेश सहनी ने सोमवार को महागठबंधन को अटूट बताते हुए कहा है कि लालू यादव महागठबंधन के सर्वमान्य नेता है. उनकी बात महागठबंधन के सभी घटक दल मानेंगे.विकासशील इंसान पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुकेश सहनी ने कहा कि महागठबंधन में किसी स्तर पर भी बिखराव नहीं है. महागठबंधन अटूट है.
लालू प्रसाद यादव महागठबंधन के सर्वमान्य नेता हैं, उनके द्वारा जो भी मार्गदर्शन एवं दिशा निर्देश होगा, महागठबंधन के सभी घटक दल सहर्ष स्वीकार करेंगे.मुकेश सहनी ने कहा कि विधानसभा सीटों के बंटवारे के मामले में या मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री के चेहरे तय करने का काम लालू प्रसाद यादव ही करेगें. विधानसभा सीटों का बंटवारा समय रहते सम्मानजनक ढंग से महागठबंधन के सभी घटक दलों के बीच कर दिया जाएगा. महागठबंधन के विचारधारा से मिलते जुलते कई पार्टियां हैं, जिनका लक्ष्य ही एनडीए को हराना हैं, ऐसे लोगों को हम महागठबंधन में स्वागत करेंगे.सूत्रों के अनुसार मुकेश सहनी को मनपसंद सीटें देने के लिए और उन्हें उप-मुख्यमंत्री की कुर्सी देने को तैयार हैं.
वीआईपी अध्यक्ष ने कहा कि विधानसभा चुनावों को लेकर 5 जुलाई से उनकी पार्टी डिजिटल चुनावी अभियान की शुरुआत करेगी.इस रैली से पांच लाख जोड़े जायेगें.हालांकि मुकेश सहनी ने माना कि RJD की तरफ से डिजिटल चुनाव प्रचार करने में देर हो रही है.लेकिन उन्होंने विश्वास जाताया कि बहुत जल्द ही तेजस्वी यादव चुनावी अभियान शुरू कर देगें. महागठबंधन के सहयोगी हम अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने 26 जून को ये फैसला लेने का एलान किया था कि वे महागठबंधन में रहेंगे या नहीं. खबर है कि कांग्रेस पार्टी मुकेश सहनी और जीतन राम मांझी दोनों को कांग्रेस मीटिंग के लिए दिल्ली बुला रही है.लेकिन दोनों नेताओं ने फिरहाल जाने से इंकार कर दिया है.सूत्रों के अनुसार ईन नेताओं का कहना है कि जब सब फैसला लालू यादव को ही करना है तो फिर कांग्रेस के साथ मीटिंग करने का कोई मतलब नहीं.
गौरतलब है कि पहले मुकेश सहनी, उपेन्द्र कुशवाहा और मांझी ने मिलकर लालू यादव पर दबाव बनाने की कोशिश की थी.उन्होंने कांग्रेस से नेत्रित्व करने का आग्रह किया था.लेकिन कांग्रेस ने उनकी मांग की उपेक्षा कर दी.इस बीच लालू यादव ने मुकेस सहनी को सेट कर घटक दलों की एकता को पलीता लगा दिया है.सूत्रों के अनुसार अब ज्यादा सीटें मांगने वाली कांग्रेस पार्टी को भी लालू यादव ज्यादा भाव नहीं देनेवाले.कांग्रेस के साथ केवल उपेन्द्र कुशवाहा हैं.जीतन राम मांझी नीतीश कुमार के साथ जाने का मन बना चुके हैं.