कुंदन का पार्थिव शरीर पंचतंत्र में हुआ विलीन, पूरे इलाके में छाई है मायूसी

City Post Live - Desk

सिटी पोस्ट लाइव : चीन के साथ पूर्वी लद्दाख सीमा पर हुई हिंसक झड़प में शहीद होने वाले भारतीय सैनिकों में बिहार के सहरसा का भी एक लाल शामिल है। सहरसा जिले के सत्तर कटैया प्रखंड के आरण गांव के निवासी कुंदन यादव चीनी सैनिकों के हमले में वीरगति को प्राप्त हुए हैं ।कुंदन के शहीद होने की खबर जैसे ही गांव पहुंची थी, तभी से पूरे इलाके में मायूसी छाई हुई है । मृतक की पत्नी और सभी रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल है । अपने स्वजन के खोने का दर्द, पीड़ित परिवार ही झेल और समझ सकता है ।जानकारी के मुताबिक, कुंदन 8 साल पहले 2012 में सेना में भर्ती हुए थे । वह अपने पीछे दो पुत्र और पत्नी को छोड़ गए हैं । परिवार के लोगों ने बताया कि इसी महीने की 9 तारीख को उनकी घर के लोगों से फोन पर बात हुई थी ।इससे पहले कुंदन फरवरी महीने में अपने दोनों बेटे का मुंडन कराने घर आए थे । बेटे की शहादत के बाद पिता को इस वीरगति पर फख्र है । कुंदन के पिता विनिमेंदर कुमार यादव ने कहा कि मुझे अपने बेटे के शहादत पर गर्व है । हम अपने दोनों पोते को भी फौज में ही देश की सेवा के लिए भेजेंगे ।

अभी दिवंगत शहीद के 6 रिश्तेदार फौज में हैं और देश की सेवा कर रहे हैं ।बेहद खास बात यह है कि बिसनपुर पंचायत के दो गाँव आरण और भेलवा, जो दोनों बिल्कुल एक दूसरे से सटे हैं में आरण गाँव के 30 से 40 प्रतिशत घर के युवा फौज में हैं जबकि भेलवा गाँव के 80 से 90 प्रतिशत परिवार के बच्चे फौज में हैं ।इस इलाके को कोसी का गढ़वाल कहा जाता है ।बीती देर रात शहीद कुंदन यादव का पार्थिव शरीर उनके गाँव पहुँचा ।आज हजारों लोगों की मौजूदगी में और भारत माता के जयकारे के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया । इस पावन मौके पर मधेपुरा के जदयू सांसद दिनेश चंद्र यादव ने अमर शहीद कुंदन यादव के पार्थिव शरीर पर माल्यार्पण करते हुए भावभीनी श्रद्धांजलि दी । उन्होंने कहा कि देश पर मरने वाले कि कभी मौत नहीं होती है, वे अमर जाते हैं । अमर बलिदानी कुंदन यादव की शहादत को केंद्र सरकार बेजा नहीं होने देगी । चीन को मुंहतोड़ और करारा जबाब दिया जाएगा । सांसद ने मृतक के परिजनों को धैर्य और सम्बल देते हुए, आगे शहीद के परिजनों के लिए सरकार बहुत कुछ करेगी ।

शहीद की शहादत पर हजारों लोगों का कारवां उमड़ा था । इस मर्माहत करने वाले मौके पर, मंत्री रमेश ऋषिदेव, सहरसा राजद विधायक अरुण कुमार यादव, मधेपुरा राजद विधायक चंद्रशेखर यादव, सोनवर्षारा राज जदयू विधायक रत्नेश सादा,सहरसा के पूव विधायक डॉक्टर आलोक रंजन, सिमरी बख्तियारपुर के पूर्व जदयू विधायक डॉक्टर अरुण कुमार, समाजेसेवी राजेश कुमार सिंह,करणी सैनिकों का जत्था सहित कई राजनीतिक पार्टी के नेता और कार्यकर्ता, सामाजिक संगठन के प्रतिनिधि के साथ-साथ आम लोगों का बड़ा जनसैलाब मौजूद था ।बड़ा सवाल यह है कि 1962 के बाद इतनी संख्यां में एक साथ 20 सैनिकों की शहादत हुई है ।लोगों के मन में यह बात है कि भारत इसका प्रतिशोध कितनी जल्दी और कितनी उग्रता से लेता है ।

सिटी पोस्ट के मैनेजिंग एडिटर मुकेश कुमार सिंह

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