सिटी पोस्ट लाइव, रांची: झारखंड के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने कहा है कि रोजगार की तलाश में गए झारखंडी मजदूरों का अब दूसरे प्रदेशों में शोषण नहीं होगा। मजदूरों और फैक्ट्री व प्लांट संचालकों के बीच सक्रिय बिचौलियों पर लगाम कसने को ले सरकार पूरी तरह से गंभीर है। घर परिवार छोड़कर दूसरे प्रदेशों में हाड़ तोड़ मेहनत करने वाले मजदूरों को उनका उचित अधिकार मिले इसे लेकर सरकार जल्द ही नया कठोर श्रम कानून बनाने जा रही है।
श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्री सत्यानंद भोक्ता ने अपने तीन दिवसीय चतरा प्रवास के दौरान जिले के अति नक्सल प्रभावित प्रखंड कुंदा में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस कानून के तहत दूसरे प्रदेशों में स्थापित बड़ी कंपनियों, फैक्ट्रियों और प्लांटों को जरूरत के अनुरूप राज्य सरकार मजदूर उपलब्ध कराएगी। उन्होंने कहा कि सरकार के इस नए कानून के अंतर्गत जरूरतमंद कंपनियों, प्लांटों और उद्योग घरानों को सरकार के साथ एमओयू करना होगा। जिसमें मजदूरों को प्रतिमाह कम से कम बीस हजार रुपये प्रतिमाह मजदूरी भुगतान करने के साथ-साथ तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने की शर्त राज्य सरकार कम्पनियों के साथ रखेगी। श्रम मंत्री ने कहा कि प्रदेश में जिस तेज गति से कोरोना का संक्रमण बढ़ा था।
ऐसा लग रहा था जैसे देश और प्रदेश बचेगा ही नहीं। लेकिन राज्य सरकार ने इस विकट परिस्थिति का भी आराम से सामना करते हुए न सिर्फ सभी मजदूरों को वापस उनके घरों तक पहुंचाया बल्कि अभी भी इच्छुक मजदूरों को वापस ला रही है। उन्होंने कहा कि झारखंड के मजदूरों को निबंधित कर अब सरकार उन्हें हर मोर्चे पर रोजगार उपलब्ध कराने की दिशा में कार्य कर रही है। इस निमित्त देश के किसी भी कोने में काम करने वाले मजदूरों को अब किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। उन्हें सरकार देश के कोने कोने में हर संभव सरकारी मदद पहुंचाने के साथ-साथ उनका भरपूर ख्याल भी रखेगी।