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आर्मी ऑफिसर्स ऐसे बच रहे हैं कोरोना के संक्रमण से, जानिए कैसे?

आर्मी ऑफिसर्स की पासिंग आउट परेड पर कोरोना का साया, न गेस्ट न पैरेंट्स ले सकेंगे हिस्सा.

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सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के गया के ओटीए (OTA, Gaya) यानी ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में 17 वीं पासिंग आउट परेड 13 जून को आयोजित की जा रही है. इस कार्यक्रम पर भी कोविड-19 (Covid-19) का काफी असर देखा जा रहा है. मुख्य अतिथि कोविड की वजह से कैडेट्स के साथ हाथ मिलाने की परम्परा नहीं निभा पायेगें. कोरोना की वजह से कैडेट्स के अभिभावक ही इस अवसर पर उपस्थित नहीं हो पायेगें. इस बार का पासिंग आउट परेड पिछले 16 पासिंग आउट परेड से बिल्कुल अलग होगा.

पासिंग आउट परेड की तैयारी की जानकारी देते हुए ओटीए गया के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल सुनील श्रीवास्तव ने कहा कि कोविड की वजह से पूरी दुनिया के साथ ही सेना की गतिविधि और प्रशिक्षण में भी कई तरह का असर पड़ा है.  सरकारी की एडवायजरी का पालन करने के लिए कई तरह के कदम उठाये गए हैं. इसका सुखद नतीजा सामने आया है.अबतक  उनके संस्थान से कोरोना का एक भी पॉजिटिव केस नहीं मिला है. इस बार के पासिंग आउट परेड में भी इसका असर दिख रहा है. पासिंग आउट की पूर्व संध्या पर होने वाली मल्टी एक्टिविटी डिसप्ले को इस बार कैंसल कर दिया गया है.

परेड के दौरान कैडेट्स के बीच की दूरियां बढा दी गयी हैं. इस बार बाहर से किसी मुख्य अतिथि को नहीं बुलाया जा रहा है. स्थानीय कमांडेंट ही मुख्य निरीक्षण अधिकारी होगें. पहली बार कैडेट्स के अभिभावक इस समारोह में उपस्थित नहीं हो पायेगें. उनके यहां से जून 2017 में एक साल का बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले 81 कैडेट्स को भी इस बार यहां से पासिंग आउट होना था पर लॉकडाउन की वजह से वे अप्रैल माह में यहां ऩहीं आ पाये और अब वे अपने कैडेट प्रशिक्षण विंग से ही पास आउट होगें. ये सभी 81 कैडेट्स अभी सिकंदराबाद के मिलिट्री कॉलेज ऑफ इलेक्ट्रानिक्स एंड मैकनिकल इंजीनयरिंग, मऊ स्थित मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स इंजीनयरिंग और पुणे स्थित कॉलेज ऑफ मिलिट्री इंजीनियरिंग से तीन साल की टेक्निकल कोर्स कर रहे थे और अब वे इसी संस्थान से पास आउट होगें.

पासिंग आउट परेड से पहले इस सत्र में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कैडेट्स को कमाडेंट लेफ्टिनेंट जनरल सुनील श्रीवास्तव ने मेडल एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. इस दौरान कोविड को लेकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया गया. परम्परा के अनुसार मेडल दने के बाद कमांडेट सभी कैडेट्स से हाथ मिलाते थे पर इस बार हाथ कमांडेट ने कंधा पर हाथ रखकर हौसला बढाया. अधिकारी एवं कैडेट्स के बीच सिंटिंग अरेजमेंट में भी बदलाव किया गया जिसमें सभी को एक सीट छोड़कर बैठने की व्यवस्था की गयी थी. इस बार बेस्ट जीसी का अवार्ड शिवम साटी को दिया गया है जबकि ओवर ऑल बेहतर प्रदर्शन का खिताब जतिन शर्मा को दिया गया.

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