सिटी पोस्ट लाइव : केरल में एक किसान के द्वारा हाथी को जहर खिलाकर मारने के बाद हाथी काफी चर्चा में है। एक तरफ जहां हाथी को जहर खिलाकर मार दिया जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ एक बिहारी शख्स ने अपनी पूरी जायदाद ही अपने दोनों हाथियों के नाम लिख दी है। इस बिहारी मर्द का दोस्त परिवार सब कुछ हाथी ही है तभी तो उसने अपने दोनों हाथी मोती और रानी के नाम सारी प्रॉपर्टी लिख दी तो दूसरी तरफ परिवार उसके दुश्मन बन गए हैं। इस हाथी के साथी का नाम है अख्तर इमाम है। यह एरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक भी हैं। इनका पूरा जीवन साथी के लिए ही समर्पित है। अख्तर इमाम बताते हैं कि एक बार उन पर जानलेवा हमला करने का प्रयास किया गया था। उसी दौरान हमारे हाथी ने मुझे बचा लिया था। इन्होंने बताया कि एक बार पिस्तौल हाथ में लिए बदमाश जब हमारे कमरे की तरफ बढ़ने लगे तो हमारा हाथी उसे देखकर चिघ्घाड़ने लगा इसी बीच हमारी नींद खुल गई और हम ने शोर मचाया तो बदमाश भाग निकले।
अख्तर की कहानी निराली है। उनके बेटे ने अपने ही प्रेमिका का दुष्कर्म का झूठा आरोप लगाकर उन्हें जेल भी भिजवा दिया था मगर जांच में यह बात गलत पाई गयी। अख्तर आरोप लगाते हैं कि मेरा बेटा मेरा मेराज पशु तस्करों से मिलकर हाथी बेचने की भी कोशिश की थी लेकिन वह पकड़ा गया। मैंने अपनी पूरी जायदाद हाथी के नाम कर दी है अगर हाथी ना रहा तो हमारे परिवार के किसी सदस्य को कुछ भी नहीं मिलेगा। पटना से सटे जानीपुर निवासी और एरावत संस्था के मुख्य प्रबंधक 50 वर्षीय अख्तर इमाम ने अपने हाथी मोती और रानी के नाम सारी प्रॉपर्टी लिख दी है। इसी से परिवार उनके दुश्मन बन गए हैं उनके बेटे के द्वारा उन्हें दुष्कर्म के आरोप में जहां जेल भेज दिया गया था वहीं दूसरी तरफ वह 10 साल से अपनी बीवी और बच्चे से अलग रह रहे हैं।
एरावत संस्था के प्रमुख अख्तर बताते हैं कि वह 12 साल की उम्र से ही हाथियों की सेवा कर रहे हैं। पारिवारिक विवाद होने की वजह से आज से 10 साल पहले उनकी पत्नी दो बेटे और बेटी के साथ घर से मायके चली गई थी उन्होंने अपने बड़े बेटे मेराज उर्फ रिंकू के दुर्व्यवहार और गलत रास्ते पर जाते देख उन्होंने उसे जायदाद से वंचित कर दिया है। पत्नी को आधी जायदाद लिख दी है और अपने हिस्से की लगभग 5 करोड़ रुपए की जायदाद खेत खलिहान मकान बैंक बैलेंस सभी दोनों हाथियों के नाम कर दिया है। अख्तर का कहना है कि अगर दोनों हाथियों की मौत हो जाती है तो यह जायदाद एरावत संस्था को चली जाएगी।
बिहटा से निशांत कुमार की रिपोर्ट