सिटी पोस्ट लाइव : लॉक डाउन की वजह से जिन छोटे कारोबारियों का कारोबार चौपट हो गया है या फिर बुरी तरह से प्रभावित हुआ है, उन्हें केंद्र सरकार ने बड़ी राहत दे दी है. अब राज्य सरकार ने ऐसे छोटे जीएसटी करदाताओं को शुन्य कारोबार होने की स्थिति में केवल SMS से अपना रिटर्न दाखिल कर देने की छूट दे दी है. इस बदलाव से बिहार के लगभग एक लाख छोटे कारोबारियों को फायदा पहुंचा है. वित्त मंत्री सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि केंद्र सरकार ने छोटे कारोबारियों को बड़ी राहत दी है.
जीएसटी काउंसिल ने लॉकडाउन पीरियड में शून्य कारोबार वाले छोटे व्यापारियों को मासिक विवरणी दाखिल नहीं करने की छूट दे दी है.अब मासिक विवरणी देने की बाध्यता ख़त्म कर दी है.ऐसे व्यापारी अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से केवल एसएमएस भेजकर रिटर्न की औपचारिकता पूरी कर सकते हैं. बिहार में जीएसटी के करदाताओं की संख्या लगभग 4 दशमलव 32 लाख है. जिनमें से 70000 छोटे कारोबारी हैं. सरकार के इस नए फैसले का सीधा-सीधा फायदा ऐसे 70000 कारोबारियों को मिलेगा, जिनका धंधा लॉकडाउन में प्रभावित हुआ है.
मोदी ने कहा कि पहले हरेक करदाता को अगर उनकी करदेयता शून्य है. तब भी उन्हें मासिक विवरणी दाखिल करने के लिए जीएसटीएन (GSTN) के पोर्टल पर लाॅगिन कर प्रत्येक माह जीएसटीआर-3बी (GSTR-3B) फार्म के अनेक काॅलम को भरना होता था. लेकिन अब वे अपने निबंधित मोबाइल से 14409 पर एसएमएस करेंगे तो उन्हें एक ओटीपी (One Time Password) प्राप्त होगा, जिसे कन्फर्म करने पर उनकी विवरणी दाखिल समझी जाएगी.
कम्पोजिशन स्कीम में शामिल करदाताओं के अतिरिक्त हर करदाता को जीएसटीएन पोर्टल पर जीएसटीआर-3बी फार्म भरना अनिवार्य है, जिसके आधार पर वे कर का भुगतान करते हैं. अगर वे निर्धारित तिथि तक कर का भुगतान नहीं करते हैं तो उन्हें 50 रु. प्रतिदिन तथा शून्य करदेयता की स्थिति में भी 20 रु. प्रतिदिन की दर से दंड का भुगतान करना होता है. इसके साथ ही बड़ी संख्या में ऐसे व्यापारी भी हैं, जिन्होंने निबंधन तो करा लिया परंतु उनकी कोई करदेयता नहीं है, फिर भी उन्हें विवरणी दाखिल करनी पड़ी हैं.