सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना काल के बीच बिहार विधान सभा चुनाव का दंगल शुरू हो गया है. बिहार में दंगल प्रमुखरूप से दो ही दलों के बीच है. एक तरफ महागठबंधन है तो दूसरी तरफ NDA है. लेकिन अभी दंगल जारी है आपस में अधिक से अधिक सीटों की मांग को लेकर महागठबंधन और NDA के बीच रस्साकशी शुरू हो चुकी है. ये रस्साकशी महागठबंधन में कुछ ज्यादा ही है. महागठबंधन में नेत्रित्व को लेकर कोई विवाद नहीं है. तेजस्वी यादव सबसे बड़े दल के नेता हैं, वहीँ नेत्रित्व करेगें. लेकिन सहयोगी दल ज्यादा से ज्यादा सीटें लेकर सरकार बनाने में अपनी अहम् भूमिका सुनिश्चित करना चाहते हैं. यहीं लड़ाई की वजह है.
वैसे तो शुरू से ही जीतन राम मांझी-मुकेश सहनी और उपेन्द्र कुशवाहा एकजूट होकर तेजस्वी यादव पर दबाव बनाने की कोशिश में जुटे हैं.अबतक कांग्रेस उनका साथ नहीं दे रही थी. लेकिन अब कांग्रेस के राज्यसभा सांसद अखिलेश सिंह ने विधानसभा चुनाव में पिछली बार से अधिक सीटों पर अदने का दावा कर तेजस्वी यादव की मुश्किल बढ़ा दी है. कांग्रेस नेता सदानंद सिंह ने भी कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव में जाने की मांग रख दी है. लेकिन RJD इसके लिए तैयार नहीं है. RJD ने कांग्रेस को अपनी औकात में रहने की नसीहत दे दी है.बाकी घटक दलों के नेताओं को तेजस्वी यादव उनकी हैसियत पहले ही बता चुके हैं.
शुक्रवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यपाल निखिल कुमार के आवास पर आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर बैठक हुई. बैठक में निखिल कुमार के अलावा प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मदन मोहन झा , सदानंद सिंह , अखिलेश सिंह , तारिक अनवर व धीरज कुमार सहित अनेक वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं ने आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर मंथन किया.बैठक के बाद कांग्रेस सांसद अखिलेश सिंह ने कहा कि पिछली बार उनके साथ जनता दल यूनाइटेट गठबंधन में 102 सीटों पर चुनाव लड़ा था. लेकिन इस बार वह गठबंधन से बाहर है. ऐसे में उसके खाते वाली 102 सीटों का महागठबंधन के घटक दलों के बीच बंटवारा होना चाहिए, जिनमें सबसे अधिक हिस्सा कांग्रेस को मिलना चाहिए.
कांग्रेस के इस मांग पर आरजेडी प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि कांग्रेस को अपनी औकात (जमीनी हकीकत) भी देखनी चाहिए. इसके साथ ही राजद ने कहा कि सीट शेयरिंग को लेकर बात कांग्रेस के आलाकमान से होगी.