सिटी पोस्ट लाइव : बिहार सरकार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल PMCH और NMCH में कोरोना मरीजों के लिए बनाए गए आइसोलेशन वार्ड का क्या हाल है. सिटी पोस्ट लाइव आपको खबर पहले ही दिखा चूका है. दर्जन भर कोरोना पॉजिटिव मरीजों को महज दो बाथरूम से काम चलाना पड़ता है. न मास्क, न सेनेटाइजर की व्यवस्था. सबसे खास बात दो दो दिन डॉक्टर नहीं आते नजर. इस कुव्यवस्था से डर कर कोरोना पॉजिटिव अरीज अब घर भी भागने लगे हैं. पटना के एनएमसीएच में शुक्रवार को मेडिकल वार्ड में भर्ती दीघा का कोरोना संक्रमित युवक डॉक्टर और सुरक्षाकर्मियों को चकमा देकर फरार हो गया. संक्रमित मरीज के अस्पताल से भागने को लेकर अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया.
अस्पताल के कोरोना सेंटर के नोडल अधिकारी डॉ अजय कुमार सिन्हा ने अधीक्षक डॉ निर्मल कुमार सिन्हा को दी. आनन-फानन में मामले की जानकारी स्वास्थ विभाग के अधिकारियों को दी गई. जिसके बाद स्वास्थ्य महकमा फरार हुए युवक से विभिन्न इलाकों में संक्रमण फैलने की आशंका को लेकर परेशान हो गया. कोरोना पॉजिटिव युवके के फरार होने की जानकारी होते ही विभागीय टीम गठित कर उसकी तलाश शुरू कर दी गई. करीब 2 घंटे के बाद उसे दानापुर के पास से पकड़ लिया गया. जिसे पुलिस की निगरानी में एंबुलेंस के जरिए रात में वापस लाकर अस्पताल में भर्ती कराया गया.
अस्पताल से छपरा के युवक के भागने की भी खबर मिली थी जो कि अस्पताल में ही दूसरे मरीज के कमरे में मिला था. इस बारे में सिविल सर्जन राजकिशोर चौधरी ने बताया कि अस्पताल से एक संक्रमित मरीज के भागने की जानकारी होते ही उसकी तलाश में टीम गठित कर संभावित स्थानों पर जांच की गई. थोड़ी ही देर बाद उसका पता चल गया और उसे वापस पकड़ कर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.सवाल उठता है कि जो मरीज अपना ईलाज करवाने गए हैं, वो भाग क्यों रहे हैं.दरअसल, इसकी वजह कुव्यवस्था है.सरकारी अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में रहना कोई आसान काम नहीं है.