सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना के साए में जी रहा बिहार अब इतना डरा हुआ है कि किसी की मौत पर उसे छूने से भी डरता है. इस दौरान यदि किसी की मौत अचानक से चलते-फिरते हो जाए तो फिर क्या कहना. पुलिस वाले भी भाग खड़े होते हैं. लेकिन इसबार पुलिस ने जो किया वो सच में मानवीय संवेदना की मिसाल पेश करता है. दरअसल गया में साइकिल से घर जाने के दौरान रास्ते में एक मजदूर की अचानक मौत हो गई. शहर के डेल्हा थाना क्षेत्र के पास धनिया बगीचा के पास हुई इस घटना में मजूदर ने अपनी साइकिल पर ही दम तोड़ दिया.
जब मजदूर गिरकर बेहोश पड़ा था तो स्थानीय लोगों ने कोरोना मरीज समझकर उसे हाथ तक नहीं लगाया. इसके थोड़ी ही देर बाद पुलिस भी पहुंच गई, लेकिन पुलिसकर्मी भी असमंजस में दिखे. इस बीच डेल्हा थानाध्यक्ष अरुण कुमार अपने पुलिसकर्मियों को शव उठाने को कहा, लेकिन उनमें से किसी ने भी उनकी बात नहीं सुनी. तब थानाध्यक्ष ने खुद आगे आकर मृतक के बच्चों के साथ बॉडी को उठायी और वाहन पर रखा. यही नहीं डेड बॉडी को भेजकर थानाध्यक्ष खुद ही मजदूर की साइकल को पैदल ही डेल्हा थाना ले गये.
बता दें मजदूर की मौत किस वजह से हुई ये पता नहीं चला है. मृतक की पहचान मानपुर के कुम्हार टोली के जोगिंद्र साव के रूप में हुई है. फिलहाल शव को पुलिस पोस्टमार्टम के लिए अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल अस्पताल में भेज दिया है. पुलिस के अनुसार पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का कारण पता चल पाएगा. हालांकि मृतक के बेटे का कहना है कि उनके पिता जब लौट रहे थे तो रास्ते से फोन कर पेट में तेज दर्द होने की बात कही थी. जिसके बाद उनका फोन कट गया. जब पिता का फोन नहीं उठा तो उनके बेटे ने खोजना शुरू किया. जहां सड़क किनारे उनका शव मिला.