सिटी पोस्ट लाइव : पिछले साल भोजपुरिया फ़िल्मी स्टार और लोक गायक खेसारी लाल यादव का ये गाना “ नून रोटी खाएंगे, बहुत वायरल हुआ था.अब बिहार के क्वारेंटीन सेंटर में यहीं गाना प्रवासी मजदूर गुनगुना रहे हैं दो जून की रोटी की तलाश में अपने घरों को छोड़ परदेश जानेवाले प्रवासी मजदूर बिहार लौटने के बाद इसी गाने को गा रहे हैं. इतना ही नहीं अपना हालचाल पूछ रहे मुख्यमंत्री को भी यहीं गाना सुना रहे हैं.
विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये प्रवासी मजदूरों का हाल चाल ले रहे मुख्यमंत्री को जब गाने का यहीं लाइन मजदूर ने सुनाया- नून रोटी खायेगें, सुनाया तो अगला लाइन मुख्यमंत्री ने पूरा कर दिया- ठीक है. दरअसल ये पूरा वाक़या तब हुआ जब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार बिहार के कई जिलो में बने क्वारेंनटाइन सेंटर का हाल वीडियो कॉनफ़्रेसिंग के ज़रिए ले रहे थे. लगभग बीस जिलों के ज़िलाधिकारी अपने अपने जिले में बने क्वारेंनटाइन सेंटर का हाल नीतीश कुमार को बता रहे थे साथ ही उन जिलों के सेंटर में रहने वाले लोगों से नीतीश कुमार हालचाल लेने के साथ साथ ये भी जानना चाह रहे थे कि वो बिहार से बाहर तो नहीं जाना चाहते. सीएम ये भरोसा भी दिला रहे थे की बिहार में उनके रोज़गार के लिए पूरा इंतज़ाम किया जा रहा है. इस मीटिंग में नीतीश कुमार को लगातार प्रतिक्रिया भी मिल रही थी.
इसी दौरान जब बारी आयी अररिया के एक क्वारेंटाईन सेंटर की तो एक युवक इस्माइल जो महाराष्ट्र से आया था और इलेक्ट्रीशियन का काम करता था उसने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वो कोरोंना से जुड़ा एक गाना सुनाना चाहता है. मुख्यमंत्री ने जैसे ही इजाज़त दी युवक ने गाना शुरू किया. गाना भोजपुरी के जाने माने गायक खेसारी लाल यादव की धुन पर था और बोल थे एक लॉकडाउन भारत का हम मिल कर सफल बनाएंगे.. ठीक है, नून रोटी खाएंगे – कोरोना को भगाएंगे.
इस्माइल की इस धुन को सुन नीतीश कुमार सहित अधिकारियों की पूरी टीम हंस पड़ी. इस पर बिहार के मुख्य सचिव दीपक प्रसाद ने युवक के गाने की जमकर तारीफ़ भी की.लेकिन तभी नीतीश कुमार भी युवक से बात करने लगे और कहा- एक दम भगा देना है. अब यहीं रहना है अब कहीं जाने की ज़रूरत नहीं है. कहीं भागने की ज़रूरत नहीं है. इस पर युवक उत्साहित हो गया और एक बार फिर से राग छेड़ गाने लगा. नून रोटी खायेंगे – बिहारे में रह जाएंगे इस पर नीतीश कुमार मुस्कुरा दिए और अपने अंदाज में कहा ठीक है, प्रेम से खाइएगा.
नीतीश कुमार का इतना कहना था कि सारे लोग हंस पड़े और ठहाका के साथ साथ तालियां भी बजने लगी. दरअसल नीतीश कुमार पर इस बात को लेकर शुरुआती दौर में विरोधी हमला बोल रहे थे की बिहार के बाहर रहने वाले बिहारी मज़दूरों को नीतीश कुमार बिहार नहीं ला रहे हैं. नीतीश कुमार ने शुरुआती दौर में इसके लिए लॉकडाउन का उल्लंघन का मामला बता रहे थे. लेकिन जब नीतीश कुमार पर दबाव बढ़ने लगा तो नीतीश कुमार ने बिहार के बाहर जो भी बिहारी मजदूर जो बिहार आना चाहते हैं उन्हें बिहार लाना शुरू कर दिया. नीतीश कुमार इन्हीं श्रमिकों से लगातार आग्रह कर रहे हैं कि बिहार में रुक जाएं. उनके लिए बिहार में ही रोज़गार की पूरी व्यवस्था की जाएगी उनके हुनर के मुताबिक़. इसलिए नीतीश कुमार जहां बिहार में आए मज़दूर जो क्वरेंटाइन सेंटर में ठहरे हुए हुए हैं उनसे बात कर हालचाल तो ले ही रहे हैं उन्हें बिहार में रहने को प्रेरित भी कर रहे हैं.