क्वारंटीन सेंटरों पर मिल रही खातिरदारी छोड़ होम क्वारंटीन के लिए तैयार नहीं हैं प्रवासी
प्रवासियों को घर जाना कबूल नहीं, क्वारंटीन सेंटरों की खातिरदारी का लेना चाहते हैं 21 दिन आनंद.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार में क्वारंटीन सेंटरों में अव्यवस्था का आरोप विपक्ष लगाकर सरकार पर हमला कर रहा है .लेकिन दूसरी तरफ खबर ये आ रही है कि क्वारंटीन सेंटरों पर राज्य सरकार द्वारा की जा रही खातिरदारी प्रवासी मजदूरों को खूब पसंद आ रही है.वो राज्य सरकार के होम क्वारंटीन के आदेश को नहीं मान रहे हैं.सरकार उन्हें घर जाने के लिए कह रही है लेकिन वो घर जाने को तैयार नहीं हैं.
बिहार में क्वारंटीन सेंटरों में लगभग दस लाख प्रवासी मजदूर रह रहे हैं.सिटी पोस्ट लाइव के संपादक श्रीकांत प्रत्यूष क्वारंटीन सेंटरों से आ रही शिकायतों का जायजा लेने के लिए दो सप्ताह पहले गोपालगंज जिले के मीरगंज एक क्वारंटीन सेंटर ( उर्दू अकादमी) का दौरा किया था.यहाँ के प्रवासी मजदूरों को सुबह चाय बिस्किट ,दोपहर में चावल, दाल शब्जी दी जा रही थी. शाम में फिर चाय बिस्किट और रात में पुड़ी शब्जी मिल रहा था.पीने के लिए मिनरल वाटर दिया जा रहा है.यहाँ प्रवासी मजदूर बाराती की तरह बड़े आनंद से रह रहे थे.
क्वारेंटाइन सेंटरों पर हो रही खातिरदारी को लेकर उनको कोई शिकयत नहीं थी.अब खबर आ रही है कि ज्यादा प्रवासी मजदूरों के आने की वजह से सरकार ने उन्हें होम क्वारंटीन मेराखने का फैसला लिया है.लेकिन कोई भी प्रवासी मजदूर सरकार की खातिरदारी का लाभ उठाये वगैर घर जाने को तैयार नहीं है. मधुबनी प्रखंड के धनहा मध्य विद्यालय स्थित क्वारेंटाइन सेंटर से सातवें दिन ही प्रवासियों को प्रशासन ने उन्हें घर जाने की छूट दे दी. प्रवासी मजदूर इसके लिए तैयार नहीं हुए.जब दबाव दिया गया तो प्रवासी आक्रोशित हो गये. उनका कहना था कि उन्हें 21 दिन के लिए क्वारेंटाइन किया गया है. अभी सात दिन ही बीते हैं.
प्रवासी मजदूरों का कहना है कि सरकार ने उन्हें डिग्निटी किट देने का ऐलान किया है.लेकिन अभी तक उन्हें यह किट नहीं मिला है.प्रवासी मजदूरों ने आरोप लगाया कि डिग्निटी किट के रुपये हड़पने के लिए ही प्रशासन उन्हें घर भेज रहा है.गौरतलब है कि प्रवासियों को घर भेजने की यह प्रक्रिया सरकार के नये दिशा-निर्देश के मुताबिक शुरु की गयी है. जिसमें रेड जोन को चिन्हित इलाकों को छोड़कर अन्य जगहों से लौटे प्रवासियों को स्क्रीनिंग कर होम क्वारेंटाइन में भेजने का आदेश दिया गया है.
शनिवार को मधुबनी सीओ रंजीत कुमार सेंटर पर पहुंचे और सेंटर के प्रवासी मजदूरों के हाथ पर मुहर लगाने की प्रक्रिया शुरू करायी. उन्होनें प्रवासियों को जानकारी देते हुए कहा कि जो लोग ग्रीन जोन से आए हैं उन्हें होम क्वारेंटाइन के लिए भेजा जाएगा. प्रवासियों ने अब तक डिग्निटी किट नहीं देने का मामला उठाया तो सीओ ने बताया कि किट के रुपये उनके खाते में भेजे जाएंगे. इसके बावजूद प्रवासी उग्र हो गये और हंगामा करने लगे.
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खुद वीडियो कॉफ्रेंसिग के जरिए बिहार के तमाम क्वारेंटाइन सेंटरों का जायजा ले रहे हैं. वे वहां बनने वाले खाने की क्वावालिटी और सुविधाओं को देख रहे हैं. वहां रह रहे मजदूरों से बातचीत कर रहे हैं. वहीं सीएम लगातार अधिकारियों को क्वारेंटाइन सेंटर की व्यवस्था दुरुस्त रखने के निर्देश दे रहे हैं. क्वारेंटाइन सेंटरों पर मिल रही सुविधाएं मजदूरों को इतनी रास आ रही है कि वो इसे छोड़कर घर जाने को तैयार नहीं हैं.
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