सिटी पोस्ट लाइव: नौकरी करते हुए जिन लाखों शिक्षकों ने नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिंग (एनआईओएस) का डीएलएड कोर्स अब सभी समकक्ष रोजगार के लिए मान्य होगा. नेशनल काउंसिल फार टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) ने इस बाबत पटना हाईकोर्ट द्वारा दिए गए फैसले को स्वीकार करते हुए इस कोर्स को मान्यता प्रदान कर दी है. इस कोर्स को करने वाले शिक्षक अब देश में कहीं भी उसके अनुरूप शिक्षक पद हासिल करने के योग्य माने जाएंगे.शिक्षक संघ के नेता केदारनाथ पाण्डेय ने इस फैसले पर ख़ुशी जाहिर की है.उन्होंने कहा कि इस फैसले से 18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को उन लाखों शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था जो अप्रशिक्षित थे और शिक्षा के अधिकार कानून के चलते उनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था.
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल ने बुधवार को ट्वीट कर ये जानकारी दी है. कुछ दिनों पहले रमेश पोखरियाल निशंक ने NIOS D.EL.Ed कोर्स करने वाले शिक्षकों के सवालों के जवाब में कहा था कि सरकार एनआईओएस डीएलएड शिक्षकों के मसले पर आए पटना हाईकोर्ट के फैसले का सम्मान करेगी.गौरतलब है कि पटना हाईकोर्ट ने नेशनल काउंसिल ऑफ टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) के उस आदेश को खारिज कर दिया था जिसमें उसने प्राइमरी टीचरों की बहाली में 18 महीने के डीएलएड कोर्स को अमान्य करार दिया था. पटना हाईकोर्ट के इस फैसले से एनआईओएस डीएलएड डिग्रीधारियों को बड़ी राहत मिली थी.
18 महीने के डीएलएड कार्यक्रम को उन लाखों शिक्षकों के लिए आयोजित किया गया था जो अप्रशिक्षित थे और शिक्षा के अधिकार कानून के चलते उनकी नौकरी जाने का खतरा मंडरा रहा था. एनआईओएस ने करीब 13-14 लाख शिक्षकों को यह कोर्स कराया था. इसके लिए संसद में कानून पारित कर विशेष रूप से मंजूरी ली गई थी.