कोरोना संकट में केंद्र सरकार के साथ हो गई बिहार सरकार की भिडंत.
सिटी पोस्ट लाइव : कोरोना के संकट काल में आनेवाले दिनों में बिहार के गरीबों को अनाज ले लाले पड़नेवाले हैं क्योंकि केंद्र सरकार और बिहार सरकार के खाद्य आपूर्ति मंत्री आपस में भीड़ गए हैं. केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान का आरोप है कि बिहार ने गरीबों की लिस्ट ही नहीं दी सिर्फ पत्र भेज कर अतिरिक्त अनाज की मांग कर रही है. दूसरी तरफ बिहार सर्कार के खाद्य आपूर्ति मदन सहनी का कहना है कि अनाज दें राजनीति ना करें ,गरीबों की सूची एनआईसी के पोर्टल पर उपलब्ध करा दी गई है.
गरीबों के राशन पर केंद्र और बिहार सरकार आमने सामने है.एक तरफ केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने कहा है कि उनको बिहार से 14 लाख जरूरतमंदों के लिस्ट ही नहीं मिली है. जरूरत मंद लाभार्थियों की सूचि उनके विभाग को प्राप्त ही नहीं हुई है.उन्हें सिर्फ एक पत्र मिला है जिसमें बताया गया है कि गरीबों की सूची एनआईसी को भेज दी गई है. बिहार के खाद आपूर्ति मंत्री मदन सहनी का खाना है कि केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान बिहार के गरीबों को अनाज देने के बजाय राजनीति कर रहे हैं. बिहार सरकार ने केंद्र सरकार को आंकड़े उपलब्ध करा दिए हैं. गरीबों की सूची एन आई सी के पोर्टल पर राशन कार्ड धारियों की सूची एनआईसी पोर्टल पर उपलब्ध करा दिया गया है. रामविलास पासवान को यह बताना चाहिए कि उन्हें व्यक्तिगत रूप से आंकड़े क्यों चाहिए.अगर ऐसा है तो एनआईसी हैदराबाद से पूरा ब्यौरा मांग सकते हैं. केंद्रीय मंत्री तो सिर्फ 14 लाख लोगों की बात करते हैं हमने तो 16 लाख लोगों की पूरी सूची एनआईसी के पोर्टल पर डाल दी है.
रामविलास पासवान का कहना है कि उन्होंने राज्य सरकार के मंत्री से खुद कई बार बात की है और कहा है कि ऐसे 14 लाख जरूरतमंदों की सूची भेजें जिन्हें पिछले 5 वर्षों से इस योजना का लाभ नहीं मिला है.इनका नाम अपडेट सूची में शामिल नहीं किया गया है.आखिर बिहार सरकार नियमों का पालन क्यों नहीं करती. केंद्र सरकार इस समय एक 81 करोड़ लोगों को राशन दे रही है तो बिहार के वंचितों को राशन देने में केंद्र को क्या परेशानी होगी. लेकिन मापदंडों का पालन तो करना ही होगा.