लॉक डाउन में सत्ताधारी दलों के नेताओं को सभी प्रकार की खुली छुट: डॉ लुईस
लॉक डाउन में सत्ताधारी दलों के नेताओं को सभी प्रकार की खुली छुट: डॉ लुईस
सिटी पोस्ट लाइव, दुमका: वैश्विक महामारी कोराना संक्रमण काल एवं देशव्यापी लॉक डाउन में अपने रसूख के बल पर राज्य सरकार और जिला प्रशासन के आदेशों का अवहेलना खुलेआम जनप्रतिनिधी करते दिख रहे है। जिला प्रशासन के आदेशों का उल्लंघन कोई और नहीं सूबे के मुखिया हेमंत सोरेन के छोटे भाई झारखंड छात्र मोर्चा के केंद्रीय अध्यक्ष बसंत सोरेन करते दिखे। जिसके खिलाफ कार्रवाई करने से कुरेज जिला प्रशासन भी करते दिख रही है। बसंत सोरेन खिजुरिया स्थित पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन के खिजुरिया स्थित आवास पर धारा 144 का अवहेलना करते हुए पार्टी कार्यकर्त्ताओं के साथ बैठक की तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। सरकारी आदेशों को नजर अंदाज आगामी उपविधानसभा चुनाव को मद्दे नजर भावी संभावित प्रत्याशी बसंत सोरेन द्वारा की जा रही है। जिसका विरोध सूबे के पूर्व मंत्री डा लुईस मरांडी ने प्रेसविज्ञप्ति जारी कर की है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भाई बसंत सोरेन, केंद्रीय महासचिव विजय सिंह एवं जिप अध्यक्ष असीम मंडल सहित काफी संख्या में कार्यकर्त्ताओं का जुटान से कहीं से यह पता नहीं चलता है कि देश व्यापी लॉक डाउन का असर जिला में है। बसंत सोरेन के द्वारा बैठकों की अनुमति पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि आम जनता अगर लॉक डाउन का उल्लंघन करती है, तो प्रशासन कार्रवाई कर उठक-बैठक सहित तमाम दंड का प्रावधान करती है। लेकिन श्रीमान बसंत सोरेन तो मुख्यमंत्री के भाई जो ठहरे, इसलिए जिला प्रशासन कार्रवाई से परहेज कर रही है। वहीं जिला प्रशासन के कार्यशैली पर दोहरा मापदंड का आरोप लगाते हुए कहा कि जिला प्रशासन द्वारा महामारी में डॉ लुईस मरांडी सहित सामाजिक संगठनों के द्वारा सहायता मुहैया करवाने के कार्यो पर रोक लगाती है।
वहीं सत्ताधारी दलों के नेताओं को सभी प्रकार की खुली छुट दी गई। मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए डॉ लुईस ने कहा कि लॉक डाउन कि इस अवधि में उनके भाई राँची से बोकारो, बोकारो से बिना किसी अनुमति के 300 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर दुमका कैसे पहुंचते हैं ? यदि उन्हें सक्षम स्तर से अनुमति प्राप्त भी हो तो किस विशेष प्रयोजन से उन्हें दुमका आने की अनुमति प्रदान की गई है, उसे सार्वजनिक करने का मांग की है। दुमका पहुंच टेंट लगाकर सभा करने की अनुमति किस आधार पर मिली है। लॉक डाउन सिर्फ गरीबों, मजबूर, लाचार लोगों के लिए, विपक्ष के जनप्रतिनिधियों के लिए, या फिर राज्य की जनता के लिए ही है? डॉ लुईस ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री के परिवारजनों पर यह प्रभावी नहीं है? यहां तक कि डॉ लुईस ने कहा कि बसंत सोरेन दुमका के लखीकुंडी को दूसरा हिन्दपीढ़ी बनाने की मंशा लेकर दुमका पहुंचे है।
वहीं जिला प्रशासन द्वारा रेड जोन रांची सहित अन्य प्रदेशों एवं जिले के पहुंचे लोगों के लिए 14 दिन का क्वॉरंटीन के आदेशों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा करते हुए आम और खास लोगों में अलग-अलग होना संक्रमण काल में मरीजों की बढ़ती संख्या में इजाफा पर जबाबदेही किसकी तय होने पर चिंता जाहिर की है। वहीं हाल के दिनों में मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहे डायलिसिस सेंटर को दुमका में स्थानांतरण पर राजनीति नहीं करते हुए देवघर भेजे जाने के निर्णय के पीछे झामुमों के मंशा को सार्वजनिक करने का आग्रह किया है।