गोपालगंज में शूटआउट, JDU विधायक के एक करीबी को गोलियों से भूना.
सिटी पोस्ट लाइव : बिहार के गोपालगंज (Gopalganj) जिले से एक बड़ी अपराधिक वारदात की खबर आ रही है.यहाँ शूटआउट में एक व्यक्ति की जान चली गई है.अपराधियों ने एक ठेकेदार, JDU विधायक अमरेन्द्र कुमार पाण्डेय उर्फ पप्पू पाण्डेय के करीबी की गोली मारकर हत्या कर दी है. इस हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है. घटना उचकागांव थाना (Chakgaon police station) क्षेत्र के बरवा मठिया गांव (Mathia Village) में हुई है. मृतक की पहचान 52 वर्षीय शम्भू मिश्रा के रूप में की गई है. वे कटेया के बभनी गांव के रहने वाले थे.
शम्भू मिश्रा कटेया के बभनी से आकर पिछले दस साल से यहीं मठिया पर रह रहे थे. रोज की तरह आज भी वे मठिया के सामने सामुदायिक भवन में कसरत कर रहे थे. तभी एक बाइक पर सवार दो नकाबपोश अपराधियो ने उन्हें नजदीक से गोली मार दी. एक गोली मृतक के सिर में काफी नजदीक से मारी गयी है.जानकारी के मुताबिक, गोली लगते ही जैसे वे भागने लगे तभी अपराधियों ने उन्हें दौड़ाकर और कई राउंड गोलियां मार दीं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गयी. मौत के काफी देर बाद वहां पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल में भेज दिया.
शम्भू मिश्रा जदयू विधायक पप्पू पाण्डेय के काफी करीबी थे. वे ठेकेदारी भी करते थे. शम्भू मिश्रा कई साल पप्पू पाण्डेय के बड़े भाई सतीश पाण्डेय के साथ रहे थे. सूत्रों के मुताबिक, बाइक सवार दोनों अपराधी शार्प शूटर थे. जो मीरगंज की तरह से आये थे. यहां दोनों ने प्रोफेशनल तरीके से इस शूट आउट को अंजाम दिया और फिर बलेसरा की तरफ भाग गए. हत्या की वजह वर्चस्व और पुरानी रंजिश भी हो सकती है.
बहरहाल, हथुआ एसडीपीओ सहित कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गयी है और मामले की छानबीन कर रही है. उचकागांव के प्रभारी थानाध्यक्ष कृष्णा कुमार ने कहा कि मृतक का नाम शम्भू मिश्रा है. वे कटेया के बभनी गांव के रहने वाले थे. यहां वे कई साल से मठ पर रह रहे थे. आज सुबह वे अपना काम कर रहे थे. तभी अपराधियों ने उन्हें गोली मार दी. उनकी मौत सदर अस्पताल में लाने के दौरान हुई है. मृतक शम्भू मिश्रा के साथ रह रहे चशमदीद अतुल उपाध्याय ने बताया कि वे कसरत कर रहे थे. तभी एक बाइक पर सवार दो नकाबपोश अपराधी आये. अपराधियों ने ताबड़तोड़ कई राउंड फायरिंग की, जिसमे शम्भू मिश्रा के सिर और सिने में कई गोली लगीं. गोली लगते ही उनकी मौत हो गयी. अपराधी 25 से 28 वर्ष के उम्र थे, जो शार्प शूटर जैसे थे. क्योंकि उन्होनें प्रोफेशनल अंदाज में इस शूटआउट को अंजाम दिया है.
शम्भू मिश्रा के 11 वर्षीय बेटे की भी 15 साल पहले गला दबाकर हत्या कर दी गयी थी. हत्या के बाद से ही शंभू मिश्रा साधू संत की तरह रहते थे. वे यहीं मठिया पर हकर ठेकेदारी और सामाजिक कार्य करते थे. पूर्व में ठेकेदारी के लिए लेवी वसूलने के भी आरोप लगते थे, लेकिन इसका कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिला था.