कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लोकडॉउन के वजह से किसानों की हालत बदतर

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कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लोकडॉउन के वजह से किसानों की हालत बदतर

सिटी पोस्ट लाइव, देवघर: कोरोना संक्रमण को लेकर जारी लोकडॉउन के वजह से किसानों की हालत बदतर। फूल-फल एवं सब्जी की खेती करने वाले किसानों को अपना कृषि उपज औने-पौने दामों में बेचने की बाध्यता वहीं पिछले दस दिनों से हो रहे बेमौसम बारिश की वज़ह से फसलों को बचाने की जद्दोजहद में जान सांसत में अटकी हुई है। गौरतलब है कि जिले के सारवाँ, सारठ, पालोजोरी, मोहनपुर, सोनारायठाड़ी जैसे प्रखंडों में बड़ी मात्रा में सब्जी की खेती होती है। जबकि मोहनपुर प्रखण्ड के विभिन्न गाँवों में फूलों एवं सब्जी की खेती बड़े पैमाने पर होती है।

सारवाँ प्रखण्ड सब्जी उत्पादन के मामले में न केवल आस-पास के जिलों में अपनी पहचान रखता आया है बल्कि यहां तरबूज की खेती इतने व्यापक पैमाने पर होती है कि राज्य के बाहर बड़ी मात्रा में भेजा जाता था किंतु लोकडॉउन की वजह से इन तरबूज उत्पादक किसानों को खरीदार तक नहीं मिल रहे  है। जिस कारण अंतर्राज्यीय पहचान रखने वाला सारवाँ का तरबूज  किसान जैसे-तैसे ठिकाने लगाने को बाध्य हैं। तरबूज उत्पादक किसान कहते हैं जो थोड़ी-बहुत तरबूज स्थानीय बाजार में बिकते भी हैं तो उसका मूल्य इतना कम है कि बीज का लागत भी नहीं निकल पा रहा है। अपने फूलों की खेती के लिए प्रसिद्ध मोहनपुर के किसानों की भी पीड़ा यही है।कोरोना संक्रमण के कारण जारी लोकडॉउन की वजह से मंदिरों में भक्तों का प्रवेश निषिद्ध होने से उनके खेती पर इस तरह प्रभाव पड़ा है कि उन्हें बिज़ तक का दाम नहीं मिला और उनके फूल खेतों में ही मुरझा गए।
मोहनपुर में फूलों के साथ ही टमाटर, पपीते की भी व्यापक रूप से खेती है किंतु परिवहन व्यवस्था सुचारू न होने से वे इसे बाहर नहीं भेज पाते हैं नतीजतन सब्जी ,फूलों,फलों की खेती घाटे का सौदा बनकर रह गया है। सारठ, पालाजोरी आदि के किसानों के हालात भी कोमोवेश एक सा ही है  उसपर तुर्रा यह कि लगातार हो रहे बेमौसम बारिश की और तेज हवा के झोंकों की वजह से खड़े सब्जियों के फसल को बचाना भी मुश्किल हो गया है। अपनी दुर्दशा पर आठ-आठ आँसू बहाते किसानों को इस बात की भी चिंता सता रही है कि हाड़तोड़ मेहनत के बाद भी अगर उन्हें बीज, रसायनिक उर्वरक, कीटनाशक का दाम नहीं मिलता है जिसकारण उनके समक्ष भुखमरी की स्थिति बन गयी है। किसानों की उम्मीद जिला प्रशासन पर टिकी है कि शायद उनके दुर्दशा पर संज्ञान लेकर जिला प्रशासन शीघ्र ही राहत की घोषणा करेंगे ताकि विपरीत स्थितियों में भी वो सब्जी ,फूलों की खेती कर सकें।

 

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