सीसीएल के बंद पड़े खदानों से हो रही थी कोयले की तस्करी, डोजरिंग कर किया गया बंद
सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: जिले में कोयले की तस्करी हमेशा एक बड़ा मुद्दा रहा है। लेकिन इसमें सीसीएल के बंद पड़े खदान तस्करों की बड़ी मदद करते हैं। ऐसे ही खदानों में मांडू प्रखंड क्षेत्र के हेसागढ़ा का एक ओपन कास्ट खदान शामिल है। सीसीएल ने जब इस ओपन कास्ट खदान से कोयला निकालना बंद कर दिया, तो इसमें पानी भर गया। अब लॉक डाउन के दौरान कोयला तस्करों के लिए यह एक बड़ा चारागाह बन गया। यहां से स्थानीय आदिवासी तस्करों को पैसे का लालच देकर कोयला तस्कर कोयले की खेप निकलवा रहे थे। कुछ दिनों में यह ओपन कास्ट खदान डेंजर जोन में शामिल हो गया। जिला पुलिस प्रशासन ने जब इसकी सूचना सीसीएल के अधिकारियों को दी, तो तत्काल कार्रवाई भी हुई।
कुज्जू प्रक्षेत्र के जीएम के निर्देश पर पुंडी परियोजना पदाधिकारी राहुल साहा अपने अन्य अधिकारियों के साथ हेसागढ़ा पहुंचे। यहां उन्होंने ओपन कास्ट खदान को डोजरिंग कर पूरी तरीके से बंद कर दिया। उन्होंने बताया कि यह पिछले वर्षों से बंद था। यहां सीसीएल ने अपने टारगेट के अनुसार कोयला निकाल लिया था। लेकिन अब इस स्थान का इस्तेमाल तस्करों के द्वारा किया जा रहा था। इसीलिए इस पूरे ओपन कास्ट खदान की डोजरिंग की गई है। मौके पर उनके साथ सिक्योरिटी ऑफिसर चंद्रवीर नारायण, शिवनंदन प्रसाद वर्णवाल, खनन विभाग के मनीष कुमार व सीसीएल के अन्य अधिकारी मौजूद थे।