जिन ईंट-भट्ठों पर लगा कोरोना फैलाने का आरोप, उनकी चिमनियां उगल रही है धुंआ

City Post Live

जिन ईंट-भट्ठों पर लगा कोरोना फैलाने का आरोप, उनकी चिमनियां उगल रही है धुंआ

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रामगढ़ जिले में जिन ईटभट्ठों पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगा था, उनकी चिमनियां धुआं उगल रही हैं। मतलब साफ है कि अब उनके सारे आरोप खनन पदाधिकारी ने माफ कर दिए। इस माफीनामा के लिए ईट भट्ठों के मालिकों ने कौन सा हथकंडा अपनाया इसका खुलासा होना अब बाकी है। शनिवार की अहले सुबह लगभग 3:00 बजे जब जिले के ईंट भट्ठों का मुआयना किया गया, तो पता चला कि सारे ईट भट्टे संचालित हो रहे हैं। कोई भी बंद नहीं है। जबकि 4 अप्रैल को रामगढ़ थाने में जिला खनन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिंह ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए 11 ईट भट्ठों के मालिकों पर कोरोना वायरस फैलाने का संदेह जाहिर किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि ईट भट्ठों के मालिकों के पास ना तो कोई सरकारी आदेश है और ना ही उनके पास लाइसेंस है।
4 अप्रैल को खनन पदाधिकारी ने डीसी को कराया था अवगत
जिले में अवैध चिमनी भट्ठाें में कोरोना वायरस फैलाने का काम किया जा रहा है। इसका खुलासा जिला खनन पदाधिकारी ने डीसी संदीप सिंह को पत्र लिखकर किया था। जिला खनन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिंह ने डीसी संदीप सिंह को पत्र लिखकर अवगत कराया है कि जिले के कई चिमनी भट्ठा में मजदूर इस राष्ट्रीय आपदा के दौरान भी काम कर रहे हैं। उन्हें भोजन का लालच देकर ईट भट्ठा वाले काम करवा रहे हैं।
डीसी संदीप सिंह के आदेश पर जिला खनन पदाधिकारी ने पूरे क्षेत्र का दौरा किया। जहां उन्होंने देखा कि 11 चिमनी भट्टा ऐसे हैं, जिनके पास ना तो कोई लाइसेंस है और ना ही कोई चिमनी भट्ठा संचालन के लिए सरकारी आदेश। लेकिन इस राष्ट्रीय आपदा के दौरान भी कैथा मौजा में मजदूरों से काम करवा रहे हैं। इसके बाद जिला खनन पदाधिकारी ने डीसी को इस पूरे मामले से अवगत कराया। जिला खनन पदाधिकारी द्वारा रामगढ़ थाने में दिए गए आवेदन में कहा गया था कि 11 ईंट चिमनी भट्ठादारों को झारखण्ड लघु खनिज समनुदान नियमावली 2004 के नियम 4 तथा खान एवं खनिज (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 1957 की धारा 4 अंतर्गत ईंट भट्ठा के संचालन के लिए लाइसेंस या खनन पट्टा प्राप्त नहीं है।
इस प्रकार भट्ठों का संचालन पूर्णतः अवैध है। अतः अनुरोध है कि झारखण्ड लघु खनिज समनुदान नियमावली 2004 के नियम 54, खान एवं खनिज (विनियमन एवं विकास) अधिनियम 1957 की धारा 21, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 की धारा 51, लॉकडाउन के आदेश के उल्लंघन के फलस्वरूप आईपीसी की धारा 188, महामारी घोषित होने के बाद भी ईंट भट्ठा कार्य चालू रखने का कृत्य महामारी फैलाने में सहायक है।अत: आईपीसी की धारा-269 एवं 270 तथा भारतीय दंड विधान अधिनियम के अन्तर्गत एपआईआर दर्ज करने की कृपा की जाए।
इनके खिलाफ दर्ज हुआ था एफआईआर
1. पीयूष कुमार बरेलीया, ग्राम बंगाली टोला, रामगढ़
2. हरि प्रसाद, ग्राम साण्डी, पोस्ट मरेचनगर, थाना मान्डू
3. जगन्नाथ महतो, ग्राम पारसोतिया
4. सुरेश महतो, ग्राम पारसोतिया
5. विरेन्द्र कुमार साह, ग्राम टून्डे, थाना ओरमांझी, जिला रांची
6. भूपनाथ महतो, ग्राम बाजारटांड़, पारसोतिया, रामगढ़
7. भगवान दास, महतो, ग्राम कैथा
8. राजेन्द्र महतो, ग्राम कैथा
9. राजकुमार महतो, ग्राम कैथा
10. बसंत कुशवाहा, ग्राम पानी टंकी रोड, बाजारटांड़
11. राम सिंह, ग्राम रांची रोड हीरकनगर (मरार), रामगढ़
खनन पदाधिकारी की कार्यशैली पर भाजपा ने उठाए सवाल
इस पूरे प्रकरण को लेकर भाजपा ने जिला खनन पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार सिंह के कार्यशैली पर सवाल उठाए हैं। भाजयुमो नगर अध्यक्ष नीरज प्रताप सिंह ने कहा है कि कोरोना काल में हर कोई फूंक- फूंक कर कदम रख रहा है। सारा तंत्र इस जुगाड़ में है कि रामगढ़ जिला कोरोना महामारी की चपेट में ना आए। लेकिन जिला खनन पदाधिकारी एक और जिन ईट भट्ठों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर रहे हैं, उसके बाद फिर उन लोगों को संचालन के लिए आशीर्वाद दे रहे हैं। बिना उनके निर्देश के इतना बड़ा कारोबार का संचालन होना असंभव है। नीरज प्रताप सिंह ने कहा कि जब 11 लोगों के पास ना कोई सरकारी आदेश था, और ना ही उनका लाइसेंस ही बना हुआ था। तो इस लॉक डाउन के अंदर 1 महीने में ही उनके सारे दस्तावेज कैसे अपडेट हो गए।

 

Share This Article