रिम्स में कोई डॉक्टर नहीं है हुजूर, हम जान बचाने के लिए पैदल ही भागे

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रिम्स में कोई डॉक्टर नहीं है हुजूर, हम जान बचाने के लिए पैदल ही भागे

सिटी पोस्ट लाइव, रामगढ़: रिम्स में कोई डॉक्टर नहीं है हुजूर, हम जान बचाने के लिए पैदल ही भागे हैं। शनिवार को जब प्रशासनिक अधिकारियों ने एनएच 33 पर कुछ पैदल यात्रियों को पकड़ा, तो उनके मुंह से सबसे पहली बात यही निकली। पैदल यात्रियों में लगभग 8 लोग शामिल थे। जिसमें बुजुर्ग महिलाएं और युवा भी शामिल हैं। उन लोगों को तत्काल अधिकारियों ने एंबुलेंस पर बिठाया और सदर अस्पताल में भर्ती करा दिया। लेकिन उन मरीजों ने जो बयां किया, वह दृश्य सरकारी दावों से कहीं अलग था।

मरीजों ने बताया कि वे रिम्स में अपना इलाज कराने के लिए गए थे। पिछले 4 दिनों से वे वहां डॉक्टरों का है इंतजार कर रहे थे। आज सुबह उन्हें पता चला कि यहां सारे डॉक्टर घर चले गए हैं। सिर्फ कोरोना के मरीजों का इलाज हो रहा है। यहां तक कि गर्भवती महिलाओं को भी भर्ती नहीं किया जा रहा है। यह सूचना उन लोगों के लिए दिल दहला देने वाली थी। इसके बाद उन सभी 8 लोगों ने अपनी जान बचाने के लिए वहां से निकल जाना ही बेहतर समझा। वह लोग रिम्स से बूटी मोड़ तक पैदल ही पहुंचे। बूटी मोड़ से उन लोगों को एक मालवाहक गाड़ी ने लिफ्ट दे दी। उस गाड़ी से वे लोग पुनदाग टोल गेट तक पहुंचे। इसके बाद फिर पैदल ही सब लोग निकल पड़े। इसी दौरान पेट्रोलिंग टीम ने उन्हें रोका।

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