स्पेशल ट्रेन से घर आना है तो जान लीजिए क्या है उसकी पूरी प्रक्रिया…
सिटी पोस्ट लाइव : लॉक डाउन के बीच प्रवासी मजदूरों को विशेष ट्रेनों से लाने का काम शुरू हो चूका है. मजदूर और छात्र अपने पाने राज्य वापस लौटने लगे हैं. लेकिन अभी भी कुछ ऐसे लोग हैं, जिन्हें पता नहीं है कि विशेष ट्रेनों का लाभ वो कैसे उठाये. गौरतलब है कि राज्यों के अनुरोध के बाद केंद्र सरकार ने शुक्रवार से अलग-अलग राज्यों के लिए स्पेशल ट्रेन चलाना शुरू कर दिया है. अब यूपी, बिहार, झारखंड समेत कई राज्यों के प्रवासी मजदूर ट्रेन के माध्यम से अपने घर जाने लगे हैं.
लेकिन विशेष ट्रेनों पर वहीँ लोग चढ़ पायेगें जो प्रक्रिया का पालन करेगें. वगैर प्रक्रिया का पालन किये स्टेशन पहुँच जाने से ट्रेन पर चढाने की इजाजत नहीं मिलेगी. इसके लिए कुछ जरूरी प्रक्रिया से गुजरना जरुरी है. ट्रेन में वैसे ही यात्री सफर कर पाएंगे, जिनका रजिस्ट्रेशन हुआ है. रजिस्ट्रेशन के आधार पर ही प्रवासियों के लिए चलने वाली स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले लोगों की एक लिस्ट तैयार की जाएगी और इसी के अनुसार इसमें लोग सफर करेंगे. प्रवासी मजदूरों और स्टूडेंट्स आदि को अपने गृह राज्य में इसके लिए आवेदन करना होगा. राज्य सरकार संबंधित राज्य में नोडल अधिकारी नियुक्त करेगी और नोडल ऑफिसर जो सूची तैयार करेंगे, वही रेलवे को सौंपी जाएगी. रेलवे फिर उन सभी यात्रियों को सूचना देगा ताकि समय पर स्टेशन पर लोग पहुंच सके. जिनका लिस्ट में नाम होगा, उन्हें ही सफर करने दिया जाएगा.
ट्रेन में सफर करने से पहले प्रवासियों की स्क्रीनिंग की जाएगी, जिसका इंतजाम स्टेशन पर ही होगा. जब यात्री कोरोना की स्क्रीनिंग में सही पाया जाएगा तो उसे ट्रेन में बैठने दिया जाएगा. अगर जांच के दौरान किसी तरह की गड़बड़ी पाई जाती है तो फिर यात्री को उसी वक्त अस्पताल भेज दिया जाएगा. यानी उसकी घर वापसी फिर क्वारंटाइन अवधि पूरा किए बैगर नहीं होगी.
यहां ध्यान देने वाली बात है कि स्पेशल ट्रेन में सफर करने वाले प्रवासी यात्रियों को टिकट लेने की जरूरत नहीं है. कोविड-19 महामारी के कारण लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण देशभर में जहां-तहां फंसे प्रवासी मजदूरों को ट्रेन से उनके गृह राज्यों तक पहुंचाने का किराया रेलवे राज्य सरकारों से वसूलेगा. जिस ट्रेन से प्रवासी मजदूरों को भेजा जाएगा उसे श्रमिक स्पेशल नाम दिया गया है. इसमें सफर करने के किराए में स्लीपर क्लास के टिकट मूल्य, 30 रुपये का सुपरफास्ट शुल्क और 20 रुपये भोजन-पानी के शामिल होंगे.
रेलवे ने साफ़ कर दिया कि यात्रियों को अपने पास से कुछ भी खरीदने की जरूरत नहीं, उनके खर्च का वहन राज्य सरकारें करेंगी. महीनेभर तक सेवाएं निलंबित रहने के बाद रेलवे ने पहली यात्री ट्रेन इन मजदूरों के लिए शुक्रवार को हैदराबाद से झारखंड के लिए सुबह साढ़े चार बजे रवाना की जिसमें कुल 12,00 लोग सवार थे. यानी प्रवासियों की के लिए खाना-पानी का स्टेशन पर ही होगा. इसके लिए उत्तरदाई राज्य सरकार होगी. प्रवासी मजदूर को अपने साथ मास्क रखना होगा. यानी बिना मुंह पर मास्क लगाए आप यात्रा नहीं कर सकेंगे. इसके अलावा, आपको ट्रेन में भी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना होगा. यही वजह है कि रेलवे सीटों के अनुसार ही लोगों को ट्रेन में ले जाएगा.व्