बाहर फंसे लोगों के बिहार आने का रास्ता साफ़, शुरू हो गई है राजनीति.

City Post Live

बाहर फंसे लोगों के बिहार आने का रास्ता साफ़, शुरू हो गई है राजनीति.

सिटी पोस्ट लाइव : केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय (MHA) द्वारा जारी की गई नई गाइडलाइन (Guideline) के बाद जहां अब बिहार के बाहर फंसे लोगों के अपने राज्य में कुछ शर्तों के साथ वापस आने का रास्ता तो साफ़ हो गया है लेकिन इसको लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है. सत्ता पक्ष ने जहां इसे अपनी कामयाबी बताई तो वहीं विपक्ष ने इसे दबाव के बाद लिया गया फैसला बताया है.बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा कि अब सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ये बताएं कि वे बिहार के 25 लाख मजदूरों को लाने में सक्षम हैं कि नहीं. फेसबुक लाइव के माध्यम से तेजस्वी ने पूछा कि अगर आप लाएंगे तो कब लाएंगे. तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के बाहर में फंसे बिहारी मजदूरों और छात्रों को लेकर वह मजदूरों की आवाज उठा रहे थे.

लोक जनशक्ति पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने एक वीडियो रिलीज किया है, जिसमें उन्होंने गृह मंत्रालय के नए फैसले का स्वागत किया है और अमित शाह के साथ-साथ इस फैसले के लिए प्रधानमंत्री को भी बधाई दी है. चिराग ने कहा कि बिहारियों के बाहर फंसे होने से वे परेशान थे और इस विषय पर मुख्यमंत्री को पत्र लिख कर मांग की थी कि जल्द ही वो बाहर फंसे लोगों को मदद करें. कल रात को चिराग ने देश के गृहमंत्री से अपनी बात रखी थी, जिसमें उन्होंने कहा कि बिहार सरकार केंद्र सरकार के आदेश के बाद ही कोई निर्णय लेगी. कृपया कर केंद्र सरकार इस पर पहल करे, जिस पर अमित शाह ने जल्द कोई कदम उठाने की बात कही थी.

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने इस फैसले पर कहा कि बड़ी संख्या में जो प्रवासी श्रमिक, छात्र एवं विभिन्न राज्यों में घूमने गए मुसाफिर आदि को काफी राहत मिलेगी. इस संबंध में लगातार प्रयास किया जा रहा था. इस फैसले से कोटा में फंसे छात्रों को बिहार लाने में आसानी होगी. इस दौरान सभी निर्देशों का पालन आदि करने की शर्त भी रखी गई है.

गृह मंत्रालय के आदेश के बाद आरजेडी सांसद मनोज झा ने कहा कि अब बिहार सरकार को देरी नहीं करनी चाहिए. बिहार के बाहर फंसे मजदूरों और छात्रों को जल्द वापस बुलाने की व्यवस्था होनी चाहिए. झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इसके लिए कदम उठाएं जिससे मजदूर और छात्र अपने घर वापस आ सकें और अपनों के साथ समय बीता सकें.

जेडीयू नेता और बिहार में मंत्री अशोक चौधरी ने इस फैसले का स्वागत करते हुए बताया कि बिहार की बात मानी गई है. उन्होंने कहा कि सीएम नीतीश कुमार ने केंद्र से गाइडलाइन की मांग की थी. नीतीश कुमार भी चाहते हैं कि बिहार के बाहर फंसे हमारे छात्र, मजदूर वापस आएं. इस फैसले से बिहार के लोगों को काफी फायदा होगा फायदा,

केंद्र की गाइडलाइन पर कांग्रेस ने बयान देते हुए कहा कि सरकार देर आई पर दुरुस्त आई. प्रेमचन्द्र मिश्रा ने कहा कि अब बिहार सरकार सभी मजदूरों और छात्रों को वापस लाए और बिहार सरकार इस मामले में कोई बहानेबाजी न करे.लेकिन संकट में नीतीश सरकार है.वाकई 25 लाख लोगों को बिहार लाना आसान काम नहीं है.25 लाख लोगों को लॉक डाउन और सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए बिहार लाना बड़ा ही मुश्किल काम है.

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